Israel-Hamas War: एक इजरायली-अमेरिकी किशोर घर पर हमास आतंकवादियों द्वारा किए गए एक भयानक हमले से बचने में कामयाब रहा. उसके माता-पिता ने अपनी शरीर पर गोलियां खाकर उसकी जान बचाई और इस कोशिश में उनकी मौत हो गई.


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एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मथियास परिवार गाजा सीमा के पास दक्षिणी इज़राइल में एक किबुत्ज़ में रहता था. यह क्षेत्र मौजूदा युद्ध की स्थिति में सबसे घातक नरसंहार स्थलों में से एक के रूप में उभरा है.


क्या हुआ?
शनिवार (7 अक्टूबर) को अराजकता फैल गई, परिवार (16 वर्षीय रोटेम और उसके माता-पिता श्लोमी माथियास और डेबी माथियास) अपने घर में एक बम शेल्टर में छिप गए, एक छोटा कमरा जो रॉकेट हमलों से बचाने के लिए बनाया गया था. हमलावरों से बचने की कोशिश में पिता श्लोमी माथियास का हाथ कट गया.


हमले के दौरान, मां डेबी माथियास ने अपने बेटे रोटेम को छिपने का निर्देश दिया लेकिन खुद उन्हें आतंकवादियों की गोली लग गई जिससे उनकी मौत हो गई.  वहीं रोटेम को छूती हुई गोली निकली जिसमें वह घायल हो गया.


16 साल का रोटेम लगभग आधे घंटे तक अपनी मृत मां के नीचे पड़ा रहा, फिर वह एक बिस्तर के नीचे और बाद में बगल के कपड़े धोने वाले कमरे में एक कंबल के नीचे छिप गया. एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायली सैनिकों द्वारा बचाए जाने से पहले वह दो बार हमलावरों से बचने में कामयाब रहा. हमलावरों में से कुछ हंस भी रहे थे.


परिवार की कहानी एक समूह चैट के माध्यम से सामने आई, जिसमें कपल ने शुरू में अरबी में आवाजें, कांच टूटने और गोलीबारी की आवाजें आने की सूचना दी. बाद में 20 मिनट तक के लिए उनकी ओर से कोई संदेश नहीं आया फिर रोटेम ने एक मैसेज भेजा कि उसके माता-पिता की हत्या कर दी गई है.


यह संगीतकारों का परिवार था
हमला तब हुआ जब परिवार एक म्यूजिकल इवनिंग के लिए इकट्ठा हुआ था. रोटेम के माता-पिता दोनों संगीतकार थे. श्लोमी माथियास एक संगीत शिक्षक थे, और डेबी माथियास एक गायिका और गीतकार थीं. अगले दिन तेल अवीव में होने वाले ब्रूनो मार्स कॉन्सर्ट में भाग लेने की योजना के साथ, परिवार किबुत्ज़ लौट आया था. कुछ ही घंटों के भीतर, हमास आतंकवादियों के घातक हमले से उनका जीवन तबाह हो गया.


रोटेम माथियास ने एबीसी न्यूज को बताया, 'मेरे पिता ने जो आखिरी बात कही थी, वह यह थी कि उन्होंने अपना हाथ खो दिया है.'


रोटेम ने कहा, 'मेरे ऊपर मेरे मां की मौत हो गई. मैंने जितना संभव हो सका बस अपनी सांस रोक ली. मैं हिल नहीं पाया और भयभीत हो गया. मैंने कोई शोर नहीं मचाया. मैंने किसी भगवान की प्रार्थना की. मुझे वास्तव में इसकी परवाह नहीं थी कि कौन सा भगवान है. मैंने बस यह प्रार्थना की कि वे मुझे ढूंढ न पाएं.'