Japan Philippines News in Hindi: दशकों की दुश्मनी को पीछे छोड़कर जापान और फिलीपिंस ने हाथ मिलाया है. इस नई दोस्ती को चीन के खिलाफ अभियान की तरह देखा जा रहा है, साउथ चाइना सी में ड्रैगन की घेराबंदी तेज हो गई है. विस्तारवाद की जिस रफ्तार पर चीन आगे बढ़ रहा है उस पर अब ब्रेक लगने वाला है. दुनिया ने चीन को हद में रहे वरना हालात बुरे होंगे का दो टूक संदेश भी दे दिया है. 


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अदावत भुलाकर साथ आए जापान- फिलीपींस


चीन के खिलाफ मोर्चाबंदी के ये दो नए चेहरे सामने आए हैं हालांकि दोनों अब तक चीन के खिलाफ अलग-अलग बिसात बिछाते रहे हैं लेकिन अब ये एक औऱ एक ग्यारह बनकर ड्रैगन की दादागिरी का खात्मा करेंगे. एक और एक ग्यारह की ये जोड़ी है जापान और फिलीपिंस की. सालों पुरानी अदावत को भुलाकर जापान और फिलीपिंस एक साथ आए हैं और दोनों की इस नई दोस्ती का मकसद सिर्फ और सिर्फ ड्रैगन की चालाबाजियों पर नकेल कसना है.


जापान और फिलीपींस ने एक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किया है. समझौते के मुताबिक दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के यहां संयुक्त सैन्य अभ्यास कर सकेंगी यानी भविष्य में चीन की चुनौतियों का सामना करने के लिए सामंजस्य बिठा सकेंगी. समंदर में चीन की अग्रेसिव अप्रोच को रोकने के लिए दोनों देशों के बीच हुए इस समझौते को काफी अहम माना जा रहा है. 


दुश्मन के दुश्मन बन गए दोस्त 


साउथ चाइना सी में चीन लगातार अपनी सीमाएं लांघ रहा है. ताइवान से लेकर फिलीपींस पर कब्जे के लिए चीन प्रपंच रच रहा है. कहते हैं कि दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है. फिलहाल दुनिया के सामने चीन की चालबाजियां चुनौती बनी हुई हैं और जिनपिंग की लाल सेना को सबक सिखाने के लिए दुनिया के ताकतवर मुल्क  गिले-शिकवे भुलाकर एक मंच पर आ रहे हैं. 


दुनिया के सबसे बड़े युद्धपोत, आधुनिक पनडुब्बी, लेटेस्ट फाइटर जेट, मिसाइलें और समंदर में हमले की प्रैक्टिस. ये है RIMPAC यानी The Rim of the Pacific Exercise. प्रशांत महासागर में इसी युद्धाभ्यास से दुनिया का  साक्षात्कार हो रहा है. अमेरिका की अगुवाई में भारत जापान और फिलीपिंस समेत 29 देश इस RIMPAC युद्धाभ्यास में शामिल हैं. 


दक्षिण चीन सागर में चीन कर रहा सीनाजोरी


RIMPAC 2024 की थीम है पार्टनर -  इंटीग्रेटेड एंड प्रिपेयर्ड यानी दोस्त एक हैं और तैयार हैं यानी चीन के खिलाफ एकजुटता का साफ-साफ संदेश है. ज़ाहिर है ये चीन की मुश्किलें बढ़ा सकता है क्योंकि हिंद महासागर में भारत की शक्ति और प्रशांत महासागर में अमेरिका और उसके कई साथी देशों की ताक़त से पार पाना चीन के लिए नामुमकिन होगा. 


चीन साउथ चाइना सी में लगातार सीनाजोरी कर रहा है, रणनीतिक और सामरिक तौर पर अहम इस इलाके पर दावा ठोककर चीन इस इलाके को कब्जाने की फिराक में है. फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया, ताइवान और वियतनाम जैसे देश दशकों से दक्षिण चीन सागर पर चीन से दावों पर सवाल उठा रहे हैं. 


दुनिया में बन रहे जंग के हालात


चीन दक्षिण चीन सागर से गुजरने वाले जहाजों को डुबोने की धमकी दे रहा है. इस जलक्षेत्र में कई बार चीन और फिलीपींस की सीधी टक्कर भी हो चुकी है. हाल ही तो ये तस्वीरें आम हो गई थी,  जब चीन और फिलीपींस के बीच तकरार ऐसी बढ़ी कि समंदर में जंग जैसे हालात पैदा हो गए. जिस तरह से ड्रैगन को जकड़ने का वैश्विक प्लान बन रहा है वो उसके लिए बहुत बड़ी चुनौती बन सकता है.