Bear Terror in Japan: इन दिनों जापान अजीब मुश्किल का सामना करना रहा है. खतरा किसी आतंकी संगठन या किसी देश से नहीं है. खतरा बेजुबान जानवर भालू से है. अब आप भी सोच में पड़ जाएंगे कि भला भालू से जापान क्यों डरने लगा. दरअसल इस समय यहां के भालू हिंसक हो चुके हैं. वो लगातार लोगों पर हमला कर रहे हैं. सवाल यह कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि भालू के निशाने पर लोग आ गए. फर्ज करिए कि अगर आपके सामने खाने-पीने की दिक्कत हो तो क्या करेंगे. ऐसी सूरत में दो ही विकल्प हैं या तो आप मेहनत कर खाने पीने का इंतजाम करें या लूटपाट करें. कुछ ऐसा ही भालुओं के साथ हुआ है. जानकारों के मुताबिक जिस तरह से भालुओं की रिहाइश पर इंसानी दखल बढ़ रहा है उसकी वजह से वो हिंसक हो गए हैं.


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सानकेबेस्तू की घटना आई याद
अप्रैल से अब तक 150 से ज्यादा लोग भालुओं का शिकार बन चुके हैं. इसी तरग के आंकड़े साल 2020 में भी सामने आए थे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर हमले जापान के सबसे बड़े द्वीर होंशू में दर्ज किए गए. जानकारों का मानना है कि एकॉर्न्स फसल और बीचनट्स की बंपर पैदावार भालुओं के हमले की बड़ी वजह है. इस साल एकार्न्स और बीचनट्स में कमी की वजह से भालू रिहाइशी इलाकों की तरफ रुख कर रहे हैं और भोजन की कमी की वजह से लोगों को निशाना बना रहे हैं. पर्यावरण के जानकारों का कहना है कि इस समय जापान में भालुओं की संख्या 44 हजार है. 2012 में यह संख्या 15 हजार थी. भालुओं के हमले से सानकेबेस्तू की वो घटना ताजा हो गई जिसमें साकत लोगों की जान चली गई थी. 1915 में होकैडो में करीब तीन मीटर ऊंचे भालू ने जिसका वजह 340 किलो था उसने करीब 10 लोगों को निशाना बनाया था.


होंशू सबसे अधिक प्रभावित

क्योडो न्यूज एजेंसी के मुताबिक अप्रैल से सितंबर तक भालुओं के हमले के कुल 47 केस के बारे में जानकारी मिली है. होंशू के अकीता इलाके में हमलों के सबसे अधिक केस दर्ज किए गए. इसके बाद इवाटे और फुकुशिमा में भी केस दर्ज हुए. इवाटे के प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक भालुओं के सबसे अधिक मामले उन जगहों पर हुए जहां लोगों की आबादी है इसका अर्थ यह है कि जंगलों से भालू निकल कर अब लोगों को निशाना बना रहे हैं. भालुओं के हमले से बचने के लिए लोग अपने साथ घंटी लेकर चल रहे हैं ताकि उसकी आवाज से भालू डरकर भाग जाएं.


जापान में इन सामानों की बिक्री बढ़ी


जापान के पर्यावरण मंत्रालय का कहना है कि यह असाधारण स्थिति है. इस विभाग के मंत्री ने लोगों से खास अपील की है, जैसे लोग खाने-पीने के सामान को सही तरीके से डिस्पोज करें. इसके साथ ही अपने घरों के दरवाजों को बंद कर रहें, इसके साथ ही किसानों से अपील की गई है कि वे जमीन पर गिरे हुए फल को ना छोड़ें उसे अपने साथ ले जाएं.जापान की सरकारी न्यूज एजेंसी एनएचके ने हाल ही में एक कार्यक्रम के जरिए बताया था कि अगर भालू से आमना-सामना हो तो क्या करना चाहिए. बचाव के उपायों में रेपिलेंट स्प्रे के साथ साथ बताया गया कि अगर भालू से सामना हो तो उससे आंखें ना मिलाएं या भागने की कोशिश ना करें. भालुओं के आतंक को आप ऐसे समझ सकते हैं. जापान में इस समय घंटी, सीटी, और पोर्टेबल रेडियो की बिक्री बढ़ गई है. जापान में इस साल अब तक 15 हजार से अधिक भालू देखे गए हैं. यह संख्या पिछले साल की तुलना में चार हजार अधिक है. खास बात यह है कि इजू में 2021 में जंगली भालू देखे गए जो करीब 100 साल पहले देखे गए थे.