इस्लामाबाद: हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में इन दिनों सियासी सरगर्मियां अपने चरम पर हैं. हर कोई यह जानना चाहता है कि 25 जुलाई को होने वाले आम चुनाव के नतीजे क्या होंगे. पाकिस्तान की सभी राजनीतिक पार्टियां यह चुनावी समर जीतकर सत्ता के शीर्ष पर बैठने का सपना देख रही हैं. इस बार आतंकी हाफिज सईद भी अपने उम्मीदवारों के साथ मैदान में है. अपने भाषणों से हिन्दुस्तान के खिलाफ जहर उगलने वाला हाफिज पाकिस्तान की सत्ता हथियाना चाहता है.


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इमरान खान की पार्टी के किया सबसे अलग दावा
पड़ोसी देश में हालात कुछ ऐसे हैं कि ज्यादातर राजनीतिक दल चुनाव आयोग के अधिकारियों की विफलता का रोना रो रहे हैं कि उन्हें एक समान ट्रीटमेंट नहीं मिला. लेकिन इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का दावा है कि 25 जुलाई के चुनाव अब तक के देश के सभी चुनावों में सबसे अच्छे होंगे.


अखबार से बातचीत में फवाद चौधरी ने की बड़ी बात
शनिवार को पाकिस्तान के प्रमुख अंग्रेजी अखबार डॉन से बात करते हुए पीटीआई के सूचना सचिव फवाद चौधरी ने कहा, 'देश के इतिहास में पहली बार, निष्पक्ष चुनाव होने जा रहे हैं.' उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) के प्रदर्शन के साथ अब तक पूरी तरह से संतुष्ट थी और उन्हें दृढ़ विश्वास था कि इस बार ईसीपी चुनाव मुक्त और पारदर्शी तरीके से करने में सफल होगा.


फवाद खुद लड़ रहे हैं झेलम से चुनाव
आपको बता दें कि चौधरी खुद झेलम से नेशनल असेंबली सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने अखबार से बात करते हुए विशेष रूप से पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) द्वारा पार्टियों के उन आरोपों को खारिज कर दिया, कि पीटीआई को चुनाव में अधिकारियों का समर्थन प्राप्त है और चुनाव में उनकी पार्टी को विजयी बनाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे थे.


फवाद ने किया एकतरफा जीत का दावा
डॉन से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि वास्तव में, इस बार किसी भी पार्टी को कहीं से भी समर्थन नहीं मिल रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि पीपीपी और पीएमएल-एन के लोग रो रहे थे क्योंकि उन्हें पता था कि वे चुनाव जीत नहीं सकते थे. उन्होंने कहा, 'हम इस समय उनके लिए बहुत बड़े हैं.' उन्होंने दावा किया कि पीटीआई नेशनल असेंबली में 90 प्रतिशत से ज्यादा सीटें सुरक्षित करेगी.


विरोधी पार्टियों ने लगाया सरकारी मशीनरी पर आरोप
दूसरी तरफ, पीपीपी और पीएमएल-एन दोनों का आरोप है कि पूरी राज्य मशीनरी इस काम के पीछे लगी है कि कैसे भी यह सुनिश्चित किया जाए कि चुनाव के बाद पीटीआई विजयी बन कर उभरे.