लंदन : ब्रिटेन में रहने वाले कश्मीरी हिन्दुओं ने जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय के समझौते ‘इंस्टूमेंट ऑफ ऐक्सेशन’ पर महाराजा हरि सिंह के हस्ताक्षर किए जाने की 68वीं वर्षगांठ मनाने के लिए ब्रिटिश संसद में एक कार्यक्रम का आयोजन किया।


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कश्मीरी पंडित्स कल्चरल सोसाइटी और वॉयस ऑफ डोगराज की ओर से इस हफ्ते के शुरू में संयुक्त रूप से आयोजित कार्यक्रम का समर्थन सांसद बॉब ब्लैकमैन के नेतृत्व वाले ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप (एपीपीजी) फॉर ब्रिटिश हिन्दूज ने किया।


ब्लैकमेन ने संसद के कमेटी रूम में आयोजित बैठक में कहा, 'खासकर ब्रिटिश हिन्दू समुदाय की आवाज उठाने के लिए स्थापित ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप फॉर ब्रिटिश हिन्दूज के अध्यक्ष के रूप में मुझे जम्मू कश्मीर के भारत में विलय के समझौते ‘इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन’ पर दस्तखत किए जाने की 68वीं वषर्गांठ मनाए जाने का गर्व है।' 


उन्होंने कहा, 'सांसदों और समुदाय के सदस्यों को जम्मू-कश्मीर के इतिहास के बारे में बताने के लिए सेमिनार इस तरह का पहला प्रयास है। यह इस तथ्य को स्थापित करता है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और 1947 से रहा है।' कार्यक्रम में ‘हिस्ट्री ऑफ जम्मू कश्मीर: इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन’ पर श्वेतपत्र जारी किया गया।


सांसद, एपीपीजी फॉर ब्रिटिश हिन्दूज के सह अध्यक्ष और एपीपीजी फॉर इंडिया के अध्यक्ष वीरेंद्र शर्मा ने कहा, 'यह एक महत्वपूर्ण सेमिनार और जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय की याद का एक कार्यक्रम है। 68 साल पहले इतिहास बना था, लेकिन दुखद रूप से भारत और पाकिस्तान के बीच दीर्घकालिक संघर्ष की जड़ें भी पड़ गईं। केवल यह समझकर कि वहां संघर्ष क्यों है, क्या हम इसे अपनी भविष्य की पीढ़ियों के लिए खत्म करने की उम्मीद कर सकते हैं।