Kenya Cheese Factory Controversy: केन्याई पनीर फैक्ट्री में एक परेशान करने वाली घटना के बाद तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है. ब्राउन फूड कंपनी की कर्मचारियों का दावा है कि उन्हें यह जांचने के लिए कपड़े उतारने पर मजबूर किया गया कि उनमें से कौन मासिक धर्म पर चल रहा है. 


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एक अधिकारी ने बताया कि ब्राउन फूड कंपनी की एक प्रबंधक ने यह पता लगाने के लिए महिला कर्मचारियों को इकट्ठा किया कि किसने इस्तेमाल किया हुआ सैनिटरी तौलिया गलत कूड़ेदान में फेंक दिया था. जब किसी ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली तो उसने महिलाओं के कपड़े उतरवाए.


आरोपी प्रबंधक को निलंबित किया गया
ब्राउन्स फूड कंपनी ने आरोपों के बाद करवाई करते हुए मामले की जांच होने तक आरोपी प्रबंधक को निलंबित कर दिया गया. लिमुरु में पुलिस ने स्थानीय मीडिया को बताया कि इस घटना को लेकर तीन लोगों पर अभद्र हमले का आरोप लगाया गया है.


पीरियड शेमिंग के खिलाफ मुखर वकील सीनेटर ग्लोरिया ओर्वोबा को इस घटना के बारे में एक संकटपूर्ण कॉल आई, जिसे उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में साझा किया. सीनेटर ने कहा कि उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप करने का प्रयास किया लेकिन कंपनी आंतरिक रूप से इस मुद्दे को हल नहीं कर सकी.


कंपनी ने जारी किया बयान
ब्राउन्स फूड कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान जारी कर इस घटना पर दुख व्यक्त किया और कहा कि यह कंपनी की स्थापित प्रक्रियाओं को प्रतिबिंबित नहीं करता है. इसी तरह की घटनाओं को रोकने के प्रयास में, कंपनी कर्मचारियों को संवेदनशील बनाने, संचार में सुधार करने और मौजूदा नीतियों और प्रक्रियाओं को सुदृढ़ करने के लिए एक महिला स्वास्थ्य विशेषज्ञ को नियुक्त करने की योजना बना रही है. 


केन्या पीरियड शेमिंग एक बड़ी समस्या 
स्थानीय पुलिस ने खुलासा किया कि क्षेत्र की अन्य कंपनियों में अपमानजनक और शर्मसार करने वाले व्यवहार की ऐसी ही घटनाएं सामने आई हैं. पुलिस प्रमुख फिलिप मवानिया ने इन कार्रवाइयों की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की प्रथाएं काफी समय से चल रही हैं. उन्होंने इस तरह के व्यवहार में लगे नियोक्ताओं को चेतावनी दी और आश्वासन दिया कि इसमें शामिल सभी पीड़ितों को जल्द ही न्याय दिया जाएगा. 


प्रचारकों का कहना है कि केन्या में पीरियड शेमिंग एक बड़ी समस्या बनी हुई है. इस साल की शुरुआत में एक अलग घटना में, सीनेटर ओर्वोबा को उनकी पतलून पर स्पष्ट खून के धब्बे के कारण संसद छोड़ने का आदेश दिया गया था.