इस्लामाबाद: डोनाल्ड ट्रंप के गुस्से पर पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम दुनिया को हकीकत से रूबरू कराएंगे. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने ट्विटर पर सोमवार (1 जनवरी) को लिखा, 'हम अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के ट्वीट पर इंशाअल्लाह जल्द जवाब देंगे...हम विश्व को सच्चाई बताएंगे....तथ्यों और गढ़ी कहानी का अंतर बताएंगे.' गत नवम्बर में अमेरिका ने पाकिस्तान द्वारा मुम्बई आतंकवादी हमले के मुख्य षड्यंत्रकर्ता हाफिज सईद की रिहायी की कड़ी निंदा की थी और उसे तत्काल फिर से गिरफ्तार करने और उसके खिलाफ मामला चलाने की मांग की थी. अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि यदि पाकिस्तान जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद के खिलाफ कोई ‘निर्णायक कार्रवाई’ करने में असफल रहा तो उसके द्विपक्षीय संबंधों पर ‘प्रभाव’ होंगे.


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एक पाकिस्तानी मीडिया ने बताया कि ट्रंप द्वारा ट्विटर पर टिप्पणी करने के कुछ ही समय बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी से मुलाकात की. जियो टीवी ने अपने सूत्रों के हवाले से कहा, 'बैठक में ट्रंप के बयान की एक विस्तृत समीक्षा की गई.' उसने कहा कि दोनों नेताओं ने देश की विदेश नीति पर चर्चा की. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए घोषणा की थी कि पाकिस्तान को अमेरिका की तरफ से अब कोई मदद नहीं मिलेगी. ट्रंप ने सोमवार (1 जनवरी) को एक ट्वीट में कहा, 'पिछले 15 सालों से पाकिस्तान अमेरिका को बेवकूफ बनाकर 33 अरब डॉलर की सहायता प्राप्त कर चुका है और उसने बदले में हमें सिर्फ झूठ और धोखे के अलावा कुछ नहीं दिया, वह हमारे नेताओं को बेवकूफ समझता है.' 


पाकिस्तान हमारे नेताओं को मूर्ख समझता है, मदद करके अमेरिका ने बेवकूफी की: डोनाल्ड ट्रंप


इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को शरण देने का पुराना आरोप दोहराते हुए कहा कि 'वे (पाकिस्तान) अपने मुल्क में उन आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराते हैं जिन्हें हम अफगानिस्तान में ढूंढ रहे हैं, लेकिन अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.' हाल ही में अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों ने पाकिस्तान के साथ अपनी हताशा व्यक्त की थी और सरकार पर आतंकी नेटवर्कों को जड़ से उखाड़ फेंकने में कोताही बरतने का आरोप लगाया था.



पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने अगस्त 2017 माह में नई अमेरिकी नीति की घोषणा की थी, जिसमें पाकिस्तान में सक्रिय एक संबद्ध समूह, अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क को हराने का जिक्र किया गया था. ट्रंप ने उस वक्त कहा था कि 'पाकिस्तान ने आतंक, हिंसा और अव्यवस्था के एजेंटों को अपने यहां शरण दे रखी है' और कसम खाई कि प्रशासन इस देश के खिलाफ और अधिक कठोरता दिखाएगा. अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस महीने (दिसंबर, 2017) अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति की घोषणा करते हुए पाकिस्तान की जमकर आलोचना की थी और कहा था कि हम पाकिस्तान को हर साल भारी भरकम रकम का अनुदान देते हैं. उसे हमारी मदद करनी होगी. 


(इनपुट एजेंसी से भी)