Russia - North Korea: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन कुछ भी करते हैं तो वे चर्चा में आ जाते हैं. पिछले दिनों किम जोंग उन ने जब रूस की यात्रा की तो पुतिन से उनकी मुलाक़ात बड़ी ही गर्मजोशी भरी रही. पुतिन ने कहा है कि किम जोंग-उन के साथ वार्ता आर्थिक और मानवीय मुद्दों पर केंद्रित रही. तो वहीं किम जोंग उन ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस का खुला समर्थन किया और कहा कि हम हमेशा राष्ट्रपति पुतिन और रूस के नेतृत्व के फैसले का समर्थन करेंगे. लेकिन यह मुलाक़ात और इस मुलाकात का रथ इससे भी ज्यादा व्यापक है. इसमें किम जोंग ने ना सिर्फ अमेरिका को संदेश देने की कोशिश की बल्कि अपने जानी दुश्मन और पड़ोसी दक्षिण कोरिया को भी अलर्ट किया कि वह अमेरिका से ज्यादा नजदीकी बढ़ाने की फिराक में ना रहे. तो क्या इसका यह मतलब है कि उत्तर कोरिया अब रूस की मदद से दक्षिण कोरिया पर हमला कर सकता है. यही समझने की जरूरत है.


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किम जोंग उन की ऐतिहासिक रूस यात्रा
दरअसल, किम जोंग के इस दौरे को लेकर अमेरिका भड़क गया था. उसने साफ-साफ कह दिया था कि अगर रूस और उत्तर कोरिया के बीच किसी प्रकार का हथियार सौदा होता है, तो बाइडन प्रशासन उन पर नए व और अधिक प्रतिबंध लगाने से पीछे नहीं हटेगा. वहीं किम जोंग उन की ये रूस यात्रा ऐतिहासिक रही क्योंकि जब दुनिया के अधिकतर देशों ने यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस से दूरी बनाई तो किम ने खुलकर पुतिन का समर्थन किया. उत्तर कोरिया पर रूस को यूक्रेन युद्ध में इस्तेमाल करने के लिए हथियार देने के भी आरोप हैं. वहीं उत्तर कोरिया कई सालों से आर्थिक प्रतिबंध झेल रहा है और खाद्य संकट है, ऐसे में रूस उसकी मदद दे सकता है. 


दक्षिण कोरिया अमेरिका का यार
लेकिन इस पूरे घटनाक्रम को अमेरिका और दक्षिण कोरिया वाले एंगल से समझने की जरूरत है. रूस और उत्तर कोरिया दोनों अमेरिका को अपना दुश्मन मानते हैं. इसके अलावा उत्तर कोरिया का जानी दुश्मन दक्षिण कोरिया अमेरिका का यार बन गया है. यहां तक कि पिछले महीने जब अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने साथ में  सैन्य अभ्यास किया तो किम जोंग उन बौखला गए थे. उन्होंने धमकी भी दे दी थी. इतना ही नहीं अमेरिका-दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास के बीच उत्तर कोरिया ने दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागकर परमाणु हमले का पूर्वाभ्यास भी कर डाला था. उत्तर कोरिया ने आरोप लगाया था कि अमेरिका इन एक्सरसाइज के जरिए उन पर परमाणु हमले की तैयारी कर रहा है. 


परमाणु हमले की तैयारी?
लेकिन उत्तर कोरिया की नाराजगी के बाद अमेरिका-दक्षिण कोरिया का कहना है कि यह सैन्य अभ्यास रक्षात्मक उद्देश्यों के लिए था. यह सैन्य अभ्यास 31 अगस्त को खत्म हुआ था. इसी को लेकर डिफेंस एक्सपर्ट यह मानते हैं कि उत्तर कोरिया रूस से नजदीकी बढ़ा रहा है और उसका बड़ा कारण यह है कि यह दक्षिण कोरिया के साथ युद्ध में अमेरिका उसके खिलाफ होगा तो रूस उत्तर कोरिया की मदद के लिए तैयार हो जाएगा. 


दशकों बाद वही घटनाक्रम फिर
वहीं अगर उत्तर कोरिया और रूस की दोस्ती की बात करें तो उनके लिए दोस्ती का सुनहरा इतिहास रहा है. शीत युद्ध के समय उत्तर कोरिया को बनाने वाला सोवियत संघ ही था. सोवियत संघ उत्तर कोरिया का समर्थक था वहीं दक्षिण कोरिया का समर्थक अमेरिका था. यहां तक कि उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया की लड़ाई के बहाने अमेरिका और सोवियत संघ आमने सामने थे. यह वो समय था जब ताकतवर सोवियत संघ पूरी तरह उत्तर कोरिया के साथ खड़ा था. अब आज इतने दशकों बाद वही घटनाक्रम एक बार फिर बन रहा है. देखना होगा कि आगे क्या होता है.