Kim Jong Un Vladimir Putin Meeting: उत्तर कोरिया (North Korea) के तानाशाह किम जोंग उन (Kim Jong Un) रूस (Russia) के दौरे पर पहुंचे हैं. कहा जा रहा है कि किम और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात किसी खुफिया जगह पर हो सकती है. किम के लिए पुतिन ने डिनर का भी आयोजन किया है. बताया जा रहा है कि यूक्रेन युद्ध को लेकर पुतिन किम से हथियार मांग सकते हैं. इसे लेकर पहले ही अमेरिका ने धमकी दी है. और कहा है कि अगर उत्तर कोरिया ने रूस को यूक्रेन युद्ध के लिए हथियार दिए तो वो उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाने से पीछे नहीं हटेगा. इस बीच, सबके मन में सवाल है कि अगर उत्तर कोरिया, रूस को हथियार देगा तो वह बदले में उससे क्या चीज लेगा?


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क्या हैं किम-पुतिन की मुलाकात के मायने?


बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग के बीच 4 साल बाद मुलाकात हुई. अब ये समझने की कोशिश करते हैं कि किम-पुतिन मुलाकात के मायने क्या हैं और क्या कुछ इस मुलाकात से निकलकर सामने आ सकता है. इससे हथियारों को लेकर जंग बढ़ सकती है. यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस पर कई प्रतिबंध लगे हुए हैं. हथियारों के लिए रूस, उत्तर कोरिया से हाथ मिला रहा है. रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई ने पिछले महीने प्योंगयांग का दौरा किया था. रूस को हथियार और गोला-बारूद देने के लिए किम से बातचीत की थी.



उत्तर कोरिया हथियारों के बदले क्या लेगा?


जान लें कि उत्तर कोरिया हथियारों के बदले रूस से टेक्नोलॉजी मांग सकता है. अगले महीने होने वाली पुतिन-जिनपिंग की मुलाकात से पहले गठजोड़ बनाने की कोशिश होगी. इसके अलावा उत्तर कोरिया खाद्य सहायता भी मांग सकता है. दरअसल, उत्तर कोरिया में अनाज की काफी किल्लत है. रूस और उत्तर कोरिया में क्या पक रहा है पूरी दुनिया की इस पर निगाह लगी हुई है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने के लिए उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन अपनी ट्रेन में सवार होकर रूस पहुंच गए हैं. 


किम को क्या फायदा होगा?


अगर पुतिन और किम जोंग उन के बीच हथियारों को लेकर कोई डील होती है तो जाहिर है कि इससे यूक्रेन से युद्ध लड़ रहे रूस को फायदा हो सकता है. फिर भी सवाल ये है कि इससे किम जोंग उन को इससे क्या बुनियादी फायदा होने वाला है. यदि बात बनती है तो इससे उत्तर कोरिया को अपनी अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी. ये उत्तर कोरिया के लिए राहत की बात होगी, क्योंकि उत्तर कोरिया पर लगे तमाम प्रतिबंधों की वजह से वहां पर कई तरह की चीजों की भारी किल्लत है. रूस से होने वाली  इस डील से उत्तर कोरिया का डिफेंस एक्सपोर्ट बढ़ जाएगा. इस वक्त उत्तर कोरिया को खाद्यान्न और बाकी दूसरी बुनियादी चीजों की सख्त जरूरत है.