Keir Starmer: ब्रिटेन में गुरुवार को चुनाव होने जा रहे हैं और शुक्रवार की सुबह जब आप सोकर उठेंगे तो पाएंगे कि वहां एक नए दौर का आगाज हो चुका है. दुनिया के ज्‍यादातर प्रतिष्ठित मीडिया समूहों ने दावा किया है कि 14 साल से सत्‍ता में रही कंजरवेटिव पार्टी की सरकार जाने वाली है और उनकी धुर विरोधी लेबर पार्टी सत्‍ता में आने वाली है. उनके इस दावे की बड़ी वजह ये है कि चुनाव पूर्व सभी सर्वेक्षणों में लेबर पार्टी को 20 प्‍वाइंट से ज्‍यादा मार्जिन की बढ़त मिल रही है. इसका सीधा मतलब ये है कि प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के नेतृत्‍व वाली कंजरवेटिव पार्टी चुनाव में पूरी तरह मटियामेट हो सकती है और लेबर पार्टी ब्रिटेन के इतिहास में रिकॉर्डतोड़ जीत हासिल कर सकती है. ये वही लेबर पार्टी है जिसकी तरफ से कभी टोनी ब्‍लेयर ने 10 वर्षों तक देश पर शासन किया था. विश्‍लेषकों के मुताबिक पार्टी की इस अवश्‍यंभावी हार को देखते हुए ही सुनक ने वक्‍त से कुछ पहले चुनाव कराने का ऐलान किया है. वैसे तो मौजूदा कार्यकाल जनवरी, 2025 का था लेकिन इसी वजह से जून में ही चुनाव कराए जा रहे हैं ताकि हार के अंतर को थोड़ा पाटा जा सके या यूं कहे कि पार्टी की लाज बच जाए.  


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ब्रिटेन का चुनावी गणित
ब्रिटेन में भी भारत की ही तरह संसदीय प्रणाली है. वहां पर निचले सदन को हाउस ऑफ कॉमंस कहा जाता है और उच्‍च सदन को हाउस ऑफ लॉर्ड्स कहा जाता है. इनमें से निचले सदन की 650 सीटों पर चुनाव होगा. यानी बहुमत का जादुई आंकड़ा 326 का है. बहुमत मिलने की स्थिति में संबंधित दल ब्रिटेन के राजा के समक्ष सरकार बनाने का अपना दावा पेश करता है. 


सर्वे के अनुमान
2019 के चुनावों में कंजरवेटिव पार्टी को 365 सीटें मिली थीं और विपक्षी लेबर पार्टी को 202 एवं लिबरल डेमोक्रेट्स को 11 सीटें मिली थीं. इस बार अधिकांश सर्वे में कंजरवेटिव पार्टी की हार की भविष्‍यवाणी की गई है. यूगोव के एक सर्वे के मुताबिक लेबर पार्टी को 425 सीटें मिल सकती हैं और कंजरवेटिव 108 सीटों पर सिमट सकती है. लिबरल डेमोक्रेट्स को 67 सीटें और एसएनपी को 20 सीटें मिलने का अनुमान व्‍यक्ति किया जा रहा है. 


कीर स्‍टारमर
कीर स्‍टारमर 2015 में राजनीति में आए और इस वक्‍त लेबर पार्टी के नेता हैं. 2019 के चुनाव में जेरेमी कॉर्बिन के पास पार्टी की कमान थी और उस साल पार्टी ने 202 सीटें जीती थीं. उसके बाद लेबर पार्टी का नेता कीर स्‍टारमर को बनाया गया. सर्वे के मुताबिक इस वक्‍त पूरे ब्रिटेन में कीर की लोकप्रियता टॉप पर है. ब्रिटेन में इस वक्‍त प्रवासियों को डिपोर्ट करने का मुद्दा बहुत बड़ा है. मौजूदा ऋषि सुनक सरकार गैरकानूनी तरीकों से ब्रिटेन में आए प्रवासियों को रवांडा डिपोर्ट करने का इरादा रखती है. इसके विपरीत कीर स्‍टारमर ने ऐसा करने के बजाय सीमाओं को सुरक्षित रखने का वादा किया है. कामकाजी परिवारों के लिए टैक्‍स नहीं बढ़ाने का वादा किया है. लेबर पार्टी में से यहूदी विरोधी भावना को खत्‍म करने का श्रेय उनको जाता है. 


स्‍टारमर मूल रूप से लंदन के बाहर सरे में एक लेफ्ट विचारधारा की तरफ झुकाव रखने वाले फैमिली में पले-बढ़े हैं. कानून की पढ़ाई करने के बाद सफल वकील बने. उन्‍होंने मैकडोनाल्‍ड्स द्वारा मानहानि के आरोपी प्रदर्शनकारियों का प्रतिनिधित्‍व किया. उसके बाद ब्रिटेन के मुख्‍य अभियोजक बने और नाइटहुड से सम्‍मानित किए गए. 


लेबर पार्टी
इससे पहले लेबर पार्टी के नेता टोनी ब्‍लेयर 1997-2007 तक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थे. उसके बाद 2010 तक गोर्डन ब्राउन पीएम रहे. लेबर पार्टी के दौर में अफगानिस्‍तान और इराक युद्ध के अलावा 2007 से 2009 की वैश्विक मंदी का दौर था.