Malaysia News: प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने सोमवार को कहा कि मलेशिया फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास की निंदा करने के पश्चिमी दबाव से सहमत नहीं है. रॉयटर्स के मुताबिक अनवर ने विवरण दिए बिना कहा, पश्चिमी और यूरोपीय देशों ने बार-बार मलेशिया से बैठकों में हमास की निंदा करने के लिए कहा है.


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अनवर ने संसद में कहा, ‘मैंने कहा कि एक नीति के तहत हमारा हमास के साथ पहले से ही रिश्ता है और यह जारी रहेगा.’ उन्होंने कहा,  ‘इस तरह, हम उनके दबाव वाले रवैये से सहमत नहीं हैं, क्योंकि हमास ने भी चुनावों के माध्यम से गाजा में स्वतंत्र रूप से जीत हासिल की और गाजावासियों ने उन्हें नेतृत्व करने के लिए चुना.’


फिलिस्तीन का समर्थक रहा है मलेशिया
मुस्लिम बहुल मलेशिया लंबे समय से फिलिस्तीनी मुद्दे का मुखर समर्थक रहा है और उसने इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच संघर्ष के लिए दो-राज्य समाधान की वकालत की है. उसका इजराइल के साथ कोई राजनयिक संबंध नहीं है.


अतीत में हमास के शीर्ष नेताओं ने अक्सर मलेशिया का दौरा किया है और वहां के प्रधानमंत्रियों से मुलाकात की है. मलेशिया के पूर्व प्रधान मंत्री नजीब रजाक ने 2013 में हमास के निमंत्रण के बाद गाजा पर इजरायल की नाकाबंदी को खारिज कर दिया और फिलिस्तीनी क्षेत्र में प्रवेश किया.


हमास ने किया था इजरायल पर बड़ा आतंकी हमला
बता दें फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला किया था जिसमें 1400 लोग मारे गए थे. इसके बाद इजरायल ने हमास के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया. इजरायल इसके बाद से लगातार हमास के नियंत्रण वाले गाजा पर बमबारी कर रहा है. सीएनएन के मुताबिक फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इजरायली हवाई हमलों में 2,800 से अधिक लोग मारे गए हैं.


इजरायल ने अपनी सेना गाजा की सीमा पर इकट्ठा कर ली है और अब बड़े जमीनी हमले की तैयारी कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, इजरायली सेना ने 11 लााख लोगों को उत्तरी गाजा छोड़ने और दक्षिण में स्थानांतरित होने के लिए कहा है. यूएन के मुताबिक इस आदेश के कारण 'विनाशकारी मानवीय परिणाम' होंगे.


इज़रायली घेराबंदी ने गज़ावासियों को महत्वपूर्ण संसाधनों से काट दिया है. नाकाबंदी ने लोगों के लिए वहां से निकलना और मानवीय सहायता पहुंचाना लगभग असंभव बना दिया है.