Maldives Debt To China: मालदीव को राष्‍ट्रपति मोहम्‍मद मुइज्‍जू की जिद का खामियाजा आर्थिक तबाही के रूप में भुगतना पड़ सकता है. पहले से ही गोते लगा रही अर्थव्यवस्था पर कर्ज के बोझ की मार पड़ने वाली है. भारत ने माले को दी जाने वाली मदद में बड़ी कटौती की है. ऊपर से चीन का कर्ज मालदीव के सिर चढ़ता जा रहा है, लेकिन मुइज्जू यह बात नहीं समझ रहे. दशकों तक नई दिल्‍ली ने मालदीव की इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर खड़ा करने में मदद की है लेकिन हाल के दिनों में वह चीन से नजदीकियां बढ़ाने में लगा है. आईएमएफ ने पिछले सप्ताह चेतावनी दी थी कि चीन से भारी उधार लेने वाले मालदीव को 'ऋण संकट' का बहुत रिस्क है. मालदीव का चीनी लोन के प्रति एक्सपोजर आश्चर्यजनक रूप से 37% है. वर्ल्‍ड बैंक के आंकड़ों के अनुसार, मालदीव पर चीन का 1.37 बिलियन डॉलर बकाया है, जो उसके सार्वजनिक ऋण का लगभग 40% है.


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मालदीव चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) से सबसे पहले जुड़ने वाले साउथ एशियाई देशों में से एक है. वैसे तो मालदीव 5 लाख की आबादी वाला एक छोटा सा देश है, लेकिन उसकी रणनीतिक अहमियत काफी ज्यादा है.


कर्ज संकट के मुहाने पर खड़ा है मालदीव


मालदीव के लिए IMF की चेतावनी ऐसे समय में आई है, जब राष्‍ट्रपति मुइज्‍जू लगातार चीन से रिश्‍ते मजबूत करने में लगे हैं. चीन ने करीब एक दशक पहले मालदीव में पांव जमाने शुरू किए थे. चीन ने वहां फोर लेन ब्रिज से लेकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट और हाउसिंग प्रोजेक्‍ट्स बनाए हैं. हालांकि, मुइज्‍जू से पहले की कई सरकारों ने मालदीव पर चीन के कर्ज की बात प्रमुखता से उठाई थी. मालदीव की जीडीपी 5 बिलियन डॉलर से थोड़ी ही ज्यादा है और उसपर हद से ज्यादा कर्ज है. ईंधन और खाने जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए भी विदेशी मुद्रा चाहिए.


पिछले महीने बीजिंग की यात्रा के दौरान, मुइज्‍जू ने कहा कि उन्होंने चीनी अधिकारियों से अपने देश को दिए गए कर्जों की रीस्ट्रक्चरिंग करने की अपील की थी. मुइज्‍जू की यह यात्रा साफ इशारा थी कि वह पिछली सरकार की 'भारत समर्थक' नीति से हटकर बीजिंग के साथ घनिष्ठ संबंध बना रहे हैं.


भारत को किया नाराज, टूरिज्म इंडस्ट्री भी संकट में


भारी कर्ज में डूबे मालदीव की आय का प्रमुख जरिया रही टूरिज्म इंडस्ट्री भी संकट में है. खासतौर से भारत संग विवाद के बाद, टूरिज्‍म से रेवेन्‍यू में खासी कमी आई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मालदीव के तीन मंत्रियों की आपत्तिजनक टिप्पणियों ने विवाद को जन्म दिया. इसके बाद सोशल मीडिया पर 'बॉयकॉट मालदीव' अभियान शुरू हुआ.


पिछले साल मालदीव में सबसे ज्‍यादा टूरिस्‍ट्स भारत से गए थे, इस साल भारतीय टूरिस्‍ट्स की संख्या में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. इस संकट से उबरने के लिए मुइज्‍जू ने चीन से और ज्‍यादा टूरिस्‍ट मालदीव भेजने की अपील की थी.