DNA: मुइज्जू को तुर्किए का `हलाल हथियार`, कहां इस्तेमाल करेंगे मालदीव के राष्ट्रपति
Maldives News: चीन और तुर्किए दोनों देश भारत के दुश्मन हैं और मालदीव्स इनसे करीबी बढ़ा रहा है. भारत के खिलाफ बयानबाजी करके मालदीव्स की भारत से दूरियां बढ़ती गई.
Maldives President: इंडिया आउट का नारा देकर मोहम्मद मुइज्जू सत्ता में आए थे, राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने सबसे पहले मालदीव्स की उस परंपरा को तोड़ा, जिसके तहत मालदीव्स के राष्ट्रपति का पहला दौरा भारत का होता था. मुइज्जू अपने पहले दौरे पर भारत के बजाये तुर्किए गए और राष्ट्रपति एर्दोगन से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने पांच दिन के लिए चीन का दौरा किया, जिसने भारत और मालदीव्स के बीच रिश्तों की खाई को गहरा किया.
मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने से पहले भारत और मालदीव्स के रिश्ते अच्छे थे . भारत ने मुश्किल वक्त में मालदीव्स का साथ भी दिया. तब तुर्किए और चीन मालदीव्स के बीच रिश्ते ज्यादा करीबी नहीं थे. लेकिन मुइज्जू के राष्ट्रपति बने हैं, उनका झुकाव चीन और तुर्किए की तरफ बढ़ता गया . जबकि भारत के खिलाफ बयानबाजी करके मालदीव्स की भारत से दूरियां बढ़ती गई. अब मुइज्जू सरकार चीन की गोद में जा बैठी है.
जब मुइज्जू तुर्किए दौरे पर गए
चीन और तुर्किए दोनों देश भारत के दुश्मन हैं, और मालदीव्स इनसे करीबी बढ़ा रहा है. जब मुइज्जू तुर्किए दौरे पर गए थे, तब टर्की की तरफ से मालदीव्स को हलाल हथियार देने का सिलसिला शुरू हुआ था. इनमें तुर्किए का खतरनाक TB-2 ड्रोन भी है. जिसने यूक्रेन में तबाही मचाई थी.
अब आपको बताते हैं कि तुर्किए के इस ड्रोन को क्यों किलर ड्रोन भी कहा जाता है.
- तुर्किए ने मालदीव्स को अपने खतरनाक TB-2 ड्रोन दिए.
- TB-2 ड्रोन को तुर्किए का ब्रह्मास्त्र भी कहा जाता है.
- ड्रोन में चार लेजर गाइडेड मिसाइलें लगाई जा सकती हैं.
- TB-2 ड्रोन को 320 किलोमीटर की रेंज में ऑपरेट किया जा सकता है.
- मालदीव्स ने इस ड्रोन को लक्षद्वीप के पास अपने द्वीप पर तैनात किया है.
- इसके अलावा तुर्किए ने मालदीव्स के लिए एक वॉरशिप भी भेजा है.
हलाल हथियार क्यों कह रहे हैं
एक सवाल होगा कि मालदीव्स को तुर्किए से मिले हथियारों को हम हलाल हथियार क्यों कह रहे हैं ? तो इसकी वजह ये कि पिछले कुछ वर्षों में टर्की ने सबसे ज्यादा हथियार एशिया के इस्लामिक देशों को ही बेचे हैं. जिन देशों को टर्की ने हथियार दिये हैं, उनमें
- इंडोनेशिया
- पाकिस्तान
- UAE
- कतर शामिल हैं.
- टर्की ने सबसे ज्यादा 15 प्रतिशत हथियार UAE को बेचे
- उसके बाद 13 प्रतिशत हथियार कतर को दिये
- टर्की ने 11 प्रतिशत हथियार पाकिस्तान को बेचे
भारत की घेराबंदी के इरादे से इस्तेमाल
तुर्किए हो या फिर चीन दोनों देश मालदीव्स को भारत की घेराबंदी के इरादे से इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि ये बात मुइज्जू समझते नहीं हैं या समझना नहीं चाहते . क्योंकि, हिंद महासागर में इस समय भारत का दबदबा है. जबकि मालदीव्स से नजदीकियां बढ़ाकर तुर्किए, चीन और पाकिस्तान इस समुद्री क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहते हैं.
हिंद महासागर से दुनिया का सबसे ज्यादा समुद्री व्यापार होता है, और इस क्षेत्र में अपनी पहुंच बढ़ाकर तुर्किए और चीन इसकी निगरानी करना चाहते हैं. इससे मालदीव्स का कोई फायदा नहीं होगा, उल्टा उसे नुकसान ही पहुंचेगा. जबकि तुर्किए हथियार बेचकर मुनाफा कमा रहा है.