India-Saudi Relations: पाकिस्तान आर्थिक मार से तो जूझ ही रहा है. लेकिन कूटनीतिक स्तर पर इस बार उसको निराशा हाथ लगी है. जी20 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) भारत दौरे पर आए थे. जी20 समिट के बाद अब उनका यह दौरा राजकीय दौरे में तब्दील हो गया है.  MBS दूसरी बार भारत के राजकीय दौरे पर हैं. लेकिन पिछली बार वो भारत के बाद पाकिस्तान के दौरे पर चले गए थे. पाकिस्तान इस बार भी ऐसी ही उम्मीद में था.लेकिन अब उनके अरमान चूर-चूर हो गए हैं क्योंकि सऊदी प्रिंस पाकिस्तान का दौरा नहीं करेंगे.


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दरअसल पाकिस्तान की ख्वाहिश थी कि MBS इस्लामाबाद आएं, भले ही कुछ घंटों के लिए. अगर पिछले कुछ वर्षों का हाल देखें तो अधिकतर देश पाकिस्तान से कन्नी काट रहे हैं. लेकिन खाड़ी देश भारत और पाकिस्तान के साथ संबंधों का तराजू साधे हुए हैं.  जब 2019 में सऊदी के क्राउन प्रिंस भारत दौरे पर आए थे, तो वह पाकिस्तान गए थे. पाक अफसरों को यह चिंता खाए जा रही थी कि अगर MBS इस्लामाबाद नहीं आए तो जनता का गुस्सा फूट सकता है.



जी20 के लिए भारत को बधाई: MBS


बता दें कि औपचारिक स्वागत के बाद MBS ने कहा, 'मैं भारत आकर बहुत खुश हूं. मैं जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत को बधाई देना चाहता हूं. शिखर सम्मेलन में की गई घोषणाओं से दुनिया को फायदा होगा. हम दोनों देशों के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण के लिए मिलकर काम करेंगे.  सऊदी अरब पश्चिम एशिया में भारत के प्रमुख रणनीतिक साझेदारों में से एक है. पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच संबंधों में मजबूती आई है. 


वहीं पीएम मोदी ने कहा, भारत और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक साझेदारी क्षेत्रीय एवं वैश्विक स्थिरता और कल्याण के लिए अहम है. सऊदी अरब को भारत का सबसे अहम रणनीतिक साझेदारों में से एक बताते हुए मोदी ने कहा कि बदलते वक्त के साथ दोनों देश अपने संबंधों में नए आयाम जोड़ रहे हैं.


इन मुद्दों पर हुई चर्चा


मोदी और बिन सलमान ने भारत-सऊदी अरब रणनीतिक साझेदारी परिषद की पहली बैठक में द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर कहा, 'दोनों देशों के नेताओं ने व्यापार एवं निवेश, रक्षा-सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा के अलावा कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की.'



सऊदी प्रिंस ऐसे समय पर भारत के राजकीय दौरे पर आए हैं, जब जी20 समिट में भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे का ऐलान किया गया है. इस कॉरिडोर को चीन के लिए बड़ा झटका कहा जा रहा है. इस कॉरिडोर के जरिए भारत सीधा यूरोप से जुड़ जाएगा. इसको चीन के बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट का ऑप्शन माना जा रहा है. 


जाहिर है कि जी20 में हुआ यह ऐलान चीन के अजीज दोस्त पाकिस्तान को कतई पसंद नहीं आने वाला. अब तक भारत अफगानिस्तान से मिडिल ईस्ट और यूरोप जाने के लिए पाकिस्तान से रास्ता मांगा करता था. लेकिन इस प्रोजेक्ट से उसने चीन और पाक दोनों को करारा झटका दिया है.