Ukraine War:  नाटो चीफ ने कहा है कि अगर चीन ने अपने तौर-तरीके नहीं बदले तो उसे यूक्रेन में रूस के युद्ध का समर्थन करने के लिए नतीजे भुगतने होंगे.  जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि बीजिंग रूस के युद्ध प्रयासों का समर्थन करके साथ ही यूरोपीय सहयोगियों के साथ संबंध बनाए रखकर 'दोनों तरफ से लाभ उठाने की कोशिश कर रहा है लेकिन यह लंबे समय तक काम नहीं कर सकता'.  


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वाशिंगटन की यात्रा के दौरान बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में स्टोलटेनबर्ग ने यह बात कहीं. जब उनसे यह पूछा गया कि रूस को मिल रहे चीन के समर्थन के बारे में नाटो मेंबर क्या कर सकते हैं, तो उन्होंने कहा कि संभावित प्रतिबंधों के बारे में बातचीत चल रही है. 


'चीन बहुत तकनीक रूस को दे रहा है
नाटो चीफ ने कहा कि चीन 'बहुत सारी तकनीकें साझा कर रहा है, [जैसे] माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स, जो रूस के लिए मिसाइलों और यूक्रेन के खिलाफ इस्तेमाल किए जाने वाले हथियारों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं.' उन्होंने कहा कि 'यदि चीन अपना व्यवहार नहीं बदलता है तो हमें किसी न किसी स्तर पर आर्थिक कदम के बारे में सोचना चाहिए.'


रूस को समर्थन देने की वजह से बीजिंग पर पहले से ही कुछ प्रतिबंध लगे हुए हैं. पिछले महीने, अमेरिका ने प्रतिबंधों की घोषणा की थी, जिसके तहत चीन और हांगकांग में स्थित लगभग 20 फर्मों को निशाना बनाया गया. 


चीन ने मॉस्को के साथ अपने व्यापार का बचाव करते हुए कहा है कि वह घातक हथियार नहीं बेच रहा है. उसका कहना है कि वह 'कानूनों और विनियमों के अनुसार दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं के निर्यात को विवेकपूर्ण तरीके से संभालता है.'


File photo courtesy: Reuters