Earthquake in Nepal: नेपाल के जाजरकोट में भूकंपन ने भारी तबाही मचाई  है. घर जमींदोज हो गए हैं और मौत का डर लोगो को सोने नहीं दे रहा है. लोग भूकंप के डर से घरों के बाहर सो रहे हैं और अंदर जाने को तैयार नहीं है. बता दें कि भूकंप के कारण अब तक मौत का आंकड़ा 157 से ज्यादा हो गया है. लोग अभी भी घायल अवस्था मे अपना इलाज करा रहे हैं. भूकंप से नेपाल के भुख्म से जाजरकोट रुकुम का पश्चिम इलाका सबसे ज्यादा प्रभावित है. पूरा नेपाल दहशत में है और लोग सड़क के किनारे सो रहे हैं. भूकंप के बाद मंजर इतना भयावह है कि सड़क भी चटकी हुई नजर आ रही है. वहीं, नेपाल में रविवार सुबह भी 3.6 तीव्रता का एक और भूकंप आया है.


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157 लोगों की मौत


नेपाल में शुक्रवार रात आए 6.4 तीव्रता के भूकंप के कारण देश के सुदूर पर्वतीय क्षेत्र में कम से कम 157 लोगों की मौत हो गई और 160 से अधिक लोग घायल हो गए हैं. जबकि, सैकड़ों मकान क्षतिग्रस्त हो गए. मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका है. बता दें कि यह नेपाल में 2015 के बाद से सबसे विनाशकारी भूकंप है. राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के अनुसार, भूकंप शुक्रवार रात 11 बजकर 47 मिनट पर आया, जिसका केंद्र जाजरकोट जिले में था. यह इलाका राजधानी काठमांडू से करीब 500 किलोमीटर दूर पश्चिम में है.

राहत कार्य जारी


नेपाल में 2015 में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप में लगभग 9,000 लोगों की मौत हो गई थी और 22,000 से अधिक लोग घायल हुए थे. नेपाल के प्रधान मंत्री पुष्प कमल दहल ने कहा है कि भूकंप प्रभावित क्षेत्र में भारी तबाही हुई है. सैकड़ों लोग घायल हुए हैं, हजारों घर तबाह हो गए हैं और सरकार राहत कार्य में लगी हुई है. हमने नेपाली सेना, नेपाली रक्षक, सशस्त्र प्रहरी बल को तैनात किया है. घायलों को हेलीकॉप्टर के जरिए अस्पताल पहुंचाने की जिम्मेदारी सशस्त्र प्रहरी बल को दी गई है.


बैठक


उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मी भी हेलीकॉप्टर के जरिए आसपास के जिलों से स्वास्थ्य उपकरण लेकर घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं. हमने अपने घायलों को भी अपने हेलीकॉप्टर से बचाया है. हमारी सरकार जो काम होना चाहिए, वह कर रही है. हमने मंत्रिमंडल की बैठक और आपदा प्रबंधन समिति की बैठक बुलाई है.


आपातकालीन नंबर


वहीं, भारत ने उन भारतीयों के लिए एक आपातकालीन संपर्क नंबर जारी किया है, जिन्हें शुक्रवार रात पश्चिमी नेपाल में 6.4 तीव्रता के भूकंप के बाद तत्काल सहायता की आवश्यकता है, जिसमें कम से कम 157 लोगों की मौत हो गई है और एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए हैं. वहीं, दिल्ली-एनसीआर सहित भारत के उत्तरी भागों में इमारतों में झटके महसूस किए गए.