I.N.D.I.A.  Alliance Meeting News: I.N.D.I.A. गठबंधन की मंगलवार को दिल्ली में हुए बैठक में नीतीश कुमार के गुस्सा हो जाने की जानकारी सामने आई है. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक जेडीयू नेता और बिहार के सीएम नीतिश कुमार  उस समय अपना आपा खो बैठे, जब डीएमके नेता टी.आर. बालू ने उनके भाषण का अनुवाद मांगा जो हिंदी में दिया गया था. 


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रिपोर्ट के मुताबिक गठबंधन की पिछली तीन बैठकों में, राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने कुमार और उनकी अपनी पार्टी के संरक्षक लालू प्रसाद यादव दोनों के भाषणों को अंग्रेजी में बताकर अनुवादक की भूमिका निभाई थी. यह पता चला है कि मंगलवार को भी बिहार के मुख्यमंत्री का भाषण समाप्त होने के बाद बालू ने श्री झा से इसका अनुवाद करने को कहा.


हालांकि इससे पहले कि झा अनुवाद करते, सूत्रों के अनुसार, कुमार ने डीएमके नेतृत्व पर हमला बोल दिया. उन्होंने कथित तौर पर जोर देकर कहा कि हिंदी देश की राष्ट्रीय भाषा है और हर किसी को इसे समझने में सक्षम होना चाहिए.


रिपोर्ट के मुताबकि सूत्रों ने कहा कि उनका भाषण अगले कुछ मिनटों तक जारी रहा, क्योंकि उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और अंग्रेजी लागू करने के बारे में विस्तार से चर्चा की. उन्हें शांत करने के लिए कई नेता आगे आए. हालांकि, भाषण का कोई अनुवाद नहीं किया गया था; बाद में जब लालू यादव बोले तो भी उनके भाषण का अनुवाद नहीं किया गया.


कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा चर्चा शुरू करने के बाद, डीएमके अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन पहले वक्ता थे, उसके बाद नीतीश कुमार थे. सूत्रों ने कहा कि कुमार अनुवाद वाली बात पर गुस्सा जाहिर करने के, बाद में जो वक्ता आमतौर पर हिंदी में बात करते थे, वे भी अंग्रेजी में बोलने लगे, जिनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल भी शामिल थे. 


रिपोर्ट के मुताबिक अपने भाषण में, स्टालिन ने हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में अकेले लड़ने के लिए कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें इंडिया ब्लॉक के बैनर तले लड़ा जाना चाहिए था. स्टालिन ने इंडिया गठबंधन की बैठक से पहले केजरीवाल से भी मुलाकात की थी.