नई दिल्ली: कोरोना को लेकर दुनियाभर में पाबंदियां का दौर फिर से लौट आया है लेकिन यूरोप के देशों में मास्क और वैक्सीन की अनिवार्यता को हटाया जा रहा है. स्पेन की सरकार ने कोरोना को एक आम फ्लू मान लिया है. साथ ही लोगों से इसके साथ जीने की अपील की गई है.


खात्मे की कगार पर महामारी?


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मास्क ही नहीं वहां की सरकार कोरोना वैक्सीन की अनिवार्यता भी हटा सकती है. सरकार का मानना है कि कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट ही महामारी को खात्मे की कगार पर ले जाएगा और यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. ब्रिटेन के एजुकेशन सेक्रेटरी ने बताया कि यूके अब पेंडेमिक से एंडमिक की दिशा की ओर बढ़ रहा है.


एक्सपर्ट्स के मुताबिक ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित होने पर अस्पताल में भर्ती होने की आशंका काफी कम है. साथ ही मौत का आंकड़ा भी कम दर्ज हो रहा है. ऐसे में स्पेन के प्रधानमंत्री प्रेडो सांचेज ने महामारी काल में लगाई गईं पाबंदियां को खत्म कर सामान्य जनजीवन में लौटने का फैसला लिया है.


आयरलैंड में वैक्सीनेशन जरूरी नहीं


उन्होंने कहा कि अब महामारी के खत्म होने के हालात की समीक्षा में जुटे हुए हैं लेकिन यूरोप की सरकारें शायद इसे अलग मापदंडों पर तौल रही हैं. उधर, आयरलैंड में भी बढ़ते कोरोना मामलों के बावजूद स्वैच्छिक वैक्सीनेशन सिस्टम बनाया जा रहा है. सरकार अब लोगों को वैक्सीनेशन के मामले में खुद फैसला करना का अधिकार देना चाहती है. 


इसके अलावा भी कई देशों ने क्वारंटीन पीरियड को घटाने का फैसला किया है. इसके साथ ही जरूरी सेवाओं पर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं लगाई जा रही है. चेक रिपब्लिक ने हाल ही में आइसोलेशन पीरियड को दो हफ्तों से घटाकर सिर्फ 5 दिन कर दिया है.


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आने वाले दिनों में अगर बाकी यूरोपीय देश भी अपने यहां पाबंदियों में ढील देते हैं तो पिछले साल जैसे हालात पैदा होने की भी आशंका है. हालांकि डेनमार्क में भी पाबंदियां हटाई गईं हैं और मास्क को जरूरी नहीं माना जा रहा है. ऐसा ही फैसला नीदरलैंड की सरकार ने भी लिया है और वहां अब मास्क पहनना अनिवार्य नहीं है.


WHO ने इस बीच ओमिक्रॉन को लेकर चेतावनी दी है. संगठन ने कहा कि डेल्टा वेरिएंट की तुलना में भले ही ओमिक्रॉन से बीमारी के कम गंभीर होने को लेकर कुछ जानकारियां हैं, लेकिन यह हल्की बीमारी नहीं है क्योंकि ओमिक्रॉन के चलते भी लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आ ही रही है.


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