वॉशिंगटन: अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत का दावा है कि उनके देश में किसी भी आतंकवादी संगठन की ‘‘संगठित उपस्थिति’’ नहीं है. उन्होंने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने खुद को ही ‘‘न्यायाधीश, ज्यूरी और सजा देने वाला’’ मानकर पाकिस्तान पर हमला किया. गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव 14 फरवरी को उस समय बढ़ गया था जब पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर के हमले में कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे. इस घटना ने देशभर में आक्रोश पैदा कर दिया था. हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को आतंकी रोधी अभियान चलाते हुए पाकिस्तान के अंदर घुसकर बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया था.


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अगले दिन पाकिस्तान वायु सेना ने पलटवार करते हुए मिग 21 गिराया था और इसके पायलट विंग कमांडर अभिनंदर को पकड़ लिया था. राजदूत असद मजीद खान ने दावा किया, ‘‘साफतौर पर भारत ने खुद को न्यायाधीश, ज्यूरी और सजा देने वाला मानकर काम किया. इसके बाद पाकिस्तान के अंदर तथाकथित आतंकी शिविर को निशाना बनाने और 300 से अधिक आतंकवादियों को मारने के हास्यास्पद दावे किये गये.


जैसा कि आप जानते हैं, इन दावों को तटस्थ पर्यवेक्षकों और भारत के कुछ पक्षों ने पूरी तरह से खारिज किया है.’’ खान ने ये टिप्पणियां ऐसे समय कीं जब अमेरिका और अन्य प्रमुख शक्तियों ने इस्लामाबाद पर उसकी धरती से संचालित आतंकी संगठनों पर लगाम कसने का दबाव बनाया है. भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव से जुड़े एक सवाल के जवाब में नये पाकिस्तानी राजदूत ने सोमवार को वाशिंगटन के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि परमाणु शक्ति संपन्न दो पड़ोसी देश ‘‘कम से कम फिलहाल के लिए मोर्चे से लौट गये हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि स्थिति गंभीर है.’’