South Korea North Korean Balloons: दुनिया के दो देश दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया दोनों के बीच जमकर दुश्मनी है. सबसे खास बात इन दोनों देशों के तनाव में गुब्बारे ने अलग ही भूमिका निभाई है. आइए जानते हैं पूरा मामला. दक्षिण कोरिया (South Korea) ने कहा कि है उत्तर कोरिया (North Korea) ने राजधानी सियोल की तरफ कचरा ले जाने वाले गुब्बारे छोड़े हैं. दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ का कहना है कि गुरुवार दोपहर को ये गुब्बारे सियोल के उत्तर में उड़ रहे थे, जो सीमा से करीब एक घंटे की दूरी पर है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस बीच उत्तर कोरिया की तरफ से दक्षिण कोरिया की ओर बड़े पैमाने पर कचरे वाले गुब्बारे छोड़ने की उम्मीद जताई जा रही है. दरअसल, उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया द्वारा बार-बार किए जा रहे नागरिक पर्चे बांटने के अभियान का जवाब देने की कसम खाई है.


कचरा और मलमूत्र से भरे सैकड़ों गुब्बारे छोड़े
बता दें कि इससे पहले भी उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया की ओर कचरे से भरे गुब्बारे छोड़े थे. सियोल ने इसको लेकर लोगों को चेतावनी भी जारी की थी. दक्षिण कोरिया ने बताया था कि उत्तर कोरिया ने कचरा और मलमूत्र से भरे सैकड़ों गुब्बारे भेजे थे.


गुब्बारे में पर्चे भरकर सीमा पार भेजा गया
न्यूज एजेंसी एपी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरियाई कार्यकर्ताओं के एक समूह ने इस तनाव के लिए गुब्बारों को जिम्मेदार बताया है, समूह ने शुक्रवार को बातचीत में बताया कि  उसने उत्तर कोरिया की ओर फिर से उत्तर कोरिया के लिए  दुष्प्रचार पर्चे से भरे गुब्बारे उड़ाए हैं. दक्षिण कोरियाई नागरिक समूह ने कहा कि उसने बृहस्पतिवार रात को दक्षिण कोरिया के सीमावर्ती शहर पाजू से 20 गुब्बारे उड़ाए, जिसमें तीन लाख पर्चे, दक्षिण कोरियाई पॉप गाने व टीवी नाटकों के साथ पांच हजार यूएसबी स्टिक और अमेरिकी डॉलर वाले बिल की तीन हजार पर्चियां थीं. 


गुब्बारें ने बढ़ा दी दुश्मनी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देशों द्वारा एक दूसरे के विरुद्ध जो प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए गुब्बारे में पर्चे और सामान भेजे गए, उससे दोनों देशों के बीच और दुश्मनी बढ़ गई है. इसके पहले दक्षिण कोरिया को परेशान करने वाली हरकतें की जाती रही हैं. हाल ही में उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया के प्रांतों में कचरों से भरे गुब्बारे भी गिराए गए थे. इसके बाद अब सीमा पर गोली चलने की खबर सामने आ गई है.


दक्षिण कोरिया-उत्तर कोरिया में बहुत पुरानी है दुश्मनी 
बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट  के मुताबिक साल 1953 में एक युद्धविराम के साथ कोरियाई युद्ध ख़त्म हुआ था, जिसमें दोनों पक्षों ने असैन्य क्षेत्र के अंदर, उसके ज़रिए या उसके ख़िलाफ़ कोई भी दुश्मनी भरा काम न करने की प्रतिज्ञा ली थी, लेकिन आख़िर में कोई शांति समझौता नहीं हो पाया था. 2024 के शुरुआत में किम जोंग ने दक्षिण कोरिया को अपना सबसे बड़ा दुश्मन क़रार दिया था. दोनों देशों के बीच लगातार सीमा पर और एक दूसरे पर जुबानी जंग चल ही रही होती है.