वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उत्तर कोरिया की तरफ से पेश खतरे से निपटने और सहयोगी देशों तथा अपने नागरिकों की रक्षा करने के लिए अमेरिका के पास मजबूत विकल्प मौजूद हैं. राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी कभी भी नहीं डरेंगे और उन्होंने इस बात पर बल दिया कि उनके पास उत्तर कोरिया से निपटने के लिए मजबूत विकल्प है. उत्तर कोरिया द्वारा जापान के ऊपर से मध्यमदूरी की बैलिस्टक मिसाइल छोड़े जाने के बाद ट्रंप की यह प्रतिक्रिया आई है. ट्रंप की यह टिप्पणी अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एच आर मैकमास्टर की उस टिप्पणी के बाद भी आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि ट्रंप प्रशासन के पास उत्तर कोरिया से निपटने के लिए सैन्य विकल्प मौजूद है.


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अमेरिकी वायु सेना की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर ट्रंप ने वायु सेना के कर्मचारियों और उनके परिजन को संबोधित करते हुए कहा, “आपकी क्षमताओं और प्रतिबद्धताओं को देखते हुए मैं पहले से ज्यादा आश्वस्त हूं कि उत्तर कोरिया की तरफ से मिल रही चुनौतियों से निपटने के लिए हमारे पास मजबूत विकल्प मौजूद हैं.” ट्रंप ने कहा कि अमेरिका और इसके सहयोगी कभी भी नहीं डरेंगे.


उन्होंने कहा, “हम उन सभी से हमारे लोगों, हमारे देशों और हमारी सभ्यता की रक्षा करेंगे जो हमारे जीवन जीने के तरीकों को चुनौती देने का साहस करेंगे.” उत्तर कोरिया ने शुक्रवार (15 सितंबर) को जापान के ऊपर से प्रशांत महासागर में बैलिस्टिक मिसाइल छोड़ी थी. लेकिन नॉर्थ अमेरिकन एयरोस्पेस डिफेंस कमांड (एनओआरएडी) ने कहा है कि यह बैलिस्टिक मिसाइल उत्तरी अमेरिका के लिए खतरा नहीं है. पेंटागन ने बताया कि अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने फोन करके अपने जापानी समकक्ष इतसुनोरी ओनोडेरा से इस मामले पर चर्चा की.


डायरेक्टर ऑफ डिफेंस प्रेंस ऑपरेशंस कर्नल रॉब मैनिंग ने कहा, “मंत्री ने अपने जापानी समकक्ष को जापान और उस क्षेत्र की वृहद पैमाने पर रक्षा करने की अपनी अटल प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया है.” उन्होंने कहा, “मैटिस और ओनोडेरा ने उत्तर कोरिया द्वारा की गई उकसावे की कार्रवाई को लेकर अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया के मजबूत मोर्चे पर सहमति जताई है और वे तीनों देशों के बीच मजबूत त्रिपक्षीय रक्षा सहयोग के महत्व पर सहमत हुए हैं.


मैटिस ने मैक्सिको जाते समय संवाददाताओं से कहा कि उत्तर कोरिया द्वारा मिसाइल छोड़े जाने के बाद द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से पहली बार जापान के लाखों लोगों को मिसाइल के वार से बचने के लिए सिर छिपाए देखा गया. उन्होंने कहा, “मैं मानता हूं कि इससे कोरिया राजनयिक और आर्थिक रूप से और ज्यादा अलग-थलग पड़ जाएगा.”