नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra modi) जब कनाडा (Canada) और ब्रिटेन दौरे पर गए थे तो वहां पर बसे कुछ सिख समाज के लोगों ने उनसे ब्लैकलिस्ट सूची को खत्म करने की मांग उठाई थी. इससे पहले भी ये मांग उठती रही है. गृह मंत्रालय ने इस पर काम शुरू कर दिया है. पहले 2017 में 100 ब्लैकलिस्ट नाम हटाए गए. अब 312 नाम और हटाए गए हैं. अब केवल दो ही नाम इसमें रह गए हैं. ब्लैकलिस्ट से हटाए गए सिख अब भारतीय वीजा प्राप्त करके घर वापसी कर सकेंगे. साथ ही यहां पर आसानी से वापस आ या जा सकेंगे.


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विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों की ओर से प्रतिबंधित सिख नागरिकों की ब्लैकलिस्ट को व्यवस्थित करने की प्रक्रिया भी अब जारी नहीं रखी जाएगी. इन लोगों को 2016 तक के लिए ब्लैकलिस्ट मे डाला गया था. ब्लैकलिस्ट की अवधि खत्म होने के बाद ये सिख नागरिक सिर्फ शरणार्थियों और उनके परिजन को कॉन्सुलर और वीजा सेवा देने के तरीके के कारण भारत लौटने में असमर्थ थे. ज्यादातर ब्लैकलिस्टेड नागरिकों को विदेश स्थित भारतीय मिशनों द्वारा ब्लैकलिस्ट में बरकरार रखा गया था. 


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अब भारतीय मिशनों को निर्देश दिया गया है कि वह सभी श्रेणी के ऐसे शरणार्थियों और उनके परिवार के सदस्यों को वीजा जारी करे, जिनका नाम केंद्र सरकार की ब्लैकलिस्ट में शामिल नहीं है. लंबी अवधि का वीजा प्राप्त करने वाले शरणार्थी ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड प्राप्त करने के लिए भी आवेदन कर सकेंगे. इसके लिए कम से कम दो साल तक के लिए सामान्य वीजा प्राप्त करना जरूरी होगा. 


गौरतलब है कि 80 के दशक में पंजाब में ऑपरेशन ब्लूस्टार फिर दिल्ली दंगे और फिर खालिस्तान की मांग ने जोर पकड़ा था. ऐसे में कई सिख युवक उग्रवाद का शिकार हुए और कुछ उनके बहकावे में आ गए. भारत में गिरफ्तारी से बचने के लिये विदेशों में शरण ली गई. इन सबको भारत में ब्लैकलिस्ट में डाल दिया था. बाद में मोदी सरकार ने इस लिस्ट को हटाने की बात कही थी, जिसमें पहले 100 और अब 312 नाम व्हाइट कर दिये गए हैं.