पेरिस: कोविड-19 के डेल्टा वैरिएंट से यूरोप में संक्रमण के मामले बढ़ने और ओमीक्रॉन को लेकर चिंताओं के बीच दुनिया के कई देशों की सरकारें अलग-अलग तरह की पाबंदियां लगाने, वैक्सीनेशन ड्राइव और तेज करने में जुट गई हैं. यूनान में टीका लेने से मना करने वाले 60 साल से ज्यादा के लोगों को अपनी पेंशन के एक तिहाई भाग से ज्यादा राशि जुर्माने के रूप में भुगतान करना पड़ सकता है. कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के कारण इजराइल में तो वायरस के संभावित कैरियर पर जासूसी एजेंसी द्वारा नजर रखी जा सकती है. वहीं, नीदरलैंड में पाबंदियों को लेकर हिंसा की घटनाएं भी हो रही हैं.


भारी जुर्माने की तैयारी


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ब्रिटेन ने दो दिन पहले दुकानों और सार्वजनिक परिवहन में लोगों के लिए मास्क पहनने को जरूरी बना दिया. अब विदेश से आने वाले सभी लोगों को कोविड-19 टेस्ट कराना होगा और आइसोलेशन में रहना होगा.  यूनान में वरिष्ठ नागरिकों के कोविड-19 रोधी टीका नहीं लेने पर उन्हें 113 डॉलर तक जुर्माना देना पड़ सकता है. सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद यूनान में 60 साल से ज्यादा उम्र के करीब 17 प्रतिशत लोगों ने अब भी टीके की खुराक नहीं ली है. देश में कोविड-19 से होने वाली 10 मौतों में से 9 लोग 60 साल से ज्यादा उम्र के होते हैं.


फोन के जरिए रखी जा रही नजर


इजराइल में सरकार ने इस सप्ताह ओमीक्रोन से संक्रमित लोगों के संपर्क का पता लगाने के लिए फोन के जरिए निगरानी करने वाली तकनीक के इस्तेमाल की परमीशन दे दी. इजराइल के मानवाधिकार समूहों का कहना है कि तकनीक का इस्तेमाल निजता के उल्लंघन का अधिकार हैं. जबकि वहां की शीर्ष अदालत ने इस साल इस तकनीक के सीमित इस्तेमाल का आदेश दिया था. दक्षिण अफ्रीका में पहले कर्फ्यू और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाए गए थे इस बार, राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ज्यादा से ज्यादा लोगों से टीके लगवाने की अपील कर रहे हैं. 


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चीन अभी भी बेफिक्र


उधर, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि उनका देश कोविड-19 और नए वैरिएंट के खिलाफ कदम उठाना जारी रखेगा. पाबंदी और लॉकडाउन तो नहीं लगाए जाएंगे लेकिन टीकाकरण, बूस्टर डोज लेने, टेस्टिंग बढ़ाने जैसे कदमों पर जोर दिया जाएगा. बाइडन ने कहा है, ‘अगर लोग टीका लेते हैं और मास्क पहनते रहेंगे तो लॉकडाउन की कोई आवश्यकता नहीं है.' चीन भी ओमिक्रॉन के चलते नई पाबंदी लगाने की जरूरत नहीं महसूस कर रहा. चीन के रोग नियंत्रण केंद्र की महामारी विज्ञान इकाई के प्रमुख वू जूनयू ने कहा कि ‘हमारा लोक स्वास्थ्य तंत्र इससे प्रभावी तरीके से निपटने में सक्षम है.’


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