China News: दक्षिण चीन सागर में अमेरिका और सहयोगी देशों की चहलकदमी से चीन सहम गया है. घबराहट में चीन की सरकार ने बिना किसी योजना के समुद्री क्षेत्र में हवाई गश्त की. चीन की सेना ने कहा कि दक्षिण चीन सागर में हवाई और समुद्री गश्त के बाद बयान भी जारी किया. बयान में कहा कि समुद्र में टकराव पैदा करने वाली सभी गतिविधियां नियंत्रण में हैं.


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अमेरिका के कदम से घबराया चीन


चीन ने अमेरिका और उसके सहयोगियों के नौसैनिक अभ्यास के जवाब में यह कदम उठाया. अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपीन के सेना प्रमुखों ने शनिवार को ऐलान किया कि वे कानून के शासन की रक्षा और समुद्र में जलमार्ग तथा उसके ऊपर हवाई यात्रा के अधिकार को बरकरार रखने के लिए संयुक्त अभ्यास करेंगे. 


पिछले साल फिलीपीन से हुई थी झड़प


मालवाहक जहाजों के लिए प्रमुख जल मार्ग दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन का दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ लंबे समय से विवाद रहा है. पिछले साल फिलीपीन के साथ झड़प काफी बढ़ गई थीं. अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए अमेरिका ने फिलीपीन के साथ संयुक्त तौर पर गश्त किया. चीन का कहना है कि अमेरिका विवादों में दखल देकर तनाव को और बढ़ा रहा है. चीनी सेना की दक्षिणी थिएटर कमान ने एक बयान में कहा कि उसने दक्षिण चीन सागर में गश्त किया और समुद्र में टकराव पैदा करने वाली सभी सैन्य गतिविधियां नियंत्रण में हैं. बयान में अमेरिका या संयुक्त अभ्यास का जिक्र नहीं किया गया.


नेविगेशन की स्वतंत्रता पर जोर


बता दें कि फिलीपींस, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार नेविगेशन की स्वतंत्रता को बनाए रखना है. इस अभ्यास में चार देशों की नौसेना और वायु सेना यूनिट शामिल थीं. जिसमें पनडुब्बी रोधी युद्ध प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित किया गया.


फिलीपींस का सख्त रुख


फिलीपींस में पलावन के विवादित जल क्षेत्र के पास ऑस्ट्रेलियाई युद्धपोत एचएमएएस वाररामुंगा की उपस्थिति ने भाग लेने वाले देशों के बीच एकजुटता दिखाने का संकेत दिया. फिलीपीन के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस ने संप्रभुता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए चीन की धमकी के खिलाफ देश का अटूट रुख व्यक्त किया.


(एजेंसी इनपुट के साथ)