China Taiwan Latest News: क्या चीन ने ताइवान पर हमला करने की रणनीति पर अमल शुरू कर कर दिया है. यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि आज दिनभर चीन की तीनों सेनाएं मिलकर ताइवान के करीब मिलिट्री एक्सरसाइज करती रहीं. चीन की सीमा पर एक छोटा सा देश है ताइवान, जिसे जिनपिंग जबरन चीन में मिलाना चाहते हैं. आज की मिलिट्री ड्रिल देखकर लग रहा है कि मानो ताइवान पर चीन का हमला तय है.


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ताइवान के चारों ओर चीनी सेना डाला घेरा


अबतक आपने सिर्फ ट्रेलर देखा, इस समय चीन के युद्धपोत, साइलें और फाइटर जेट सहित एक बड़ी सेना ताइवान के चारों तरफ मौजूद हैं. ऐसा लग रहा है मानो जिनपिंग ने ताइवान की सीमा पर चीन की ऊंची दीवार बनाने का फैसला कर लिया है. हालांकि ताइवान भले ही छोटा देश है, कम ताकतवर है.. लेकिन चीन के खिलाफ उसने हार नहीं मानी है.


48 घंटे तक चलेगा तीनों सेनाओं का युद्धाभ्यास


चीन ने ताइवान पर हमले की तैयारी कर ली है. जिनपिंग की तीनों सेनाओं ने ताइवान को चारों दिशाओं से घेर लिया है. कुल मिलाकर 48 घंटे तक ताइवान के खिलाफ चीन का युद्धाभ्यास जारी रहेगा. ऐसा पहली बार है जब चाइनीज सेना ताइवान के खिलाफ इतने बड़े पैमाने पर एक्सरसाइज कर रही है.


आसमान में चीन के स्टेल्थ फाइटर गश्त लगा रहे हैं. समंदर में चीन के युद्धपोत और ऐसे लैंडिंग शिप हैं, जो समुद्र के किनारे तक जाकर सैनिक, टैंक और बख्तरबंद गाड़ियों को उतार सकते हैं. इसके साथ ही डोंगफेंग 17 बैलिस्टिक मिसाइल के साथ मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर्स भी मौजूद हैं.  


क्या ताइवान को सजा देने की तैयारी में है चीन?


चीन की मिलिट्री ड्रिल में आर्मी, नेवी, एयर फोर्स और रॉकेट फोर्स भी शामिल है. इसका मतलब है कि जिनपिंग की सेना इस ड्रिल में पूरी ताकत झोंक रही है और ताइवान को डराने की कोशिश कर रही है. ताइवान के चारों ओर हो रहे मिलिट्री एक्शन को चीन ने पनिशमेंट ड्रिल का नाम दिया है यानी वो ताइवान को सज़ा देना चाहता है.


ताइवान भले ही चीन के मुकाबले छोटा देश है पर जवाब देने में पीछे नहीं है. ताइवान से फाइटर जेट्स और मिलिट्री एयरक्राफ्ट के लैंड होने की तस्वीरें आई हैं..यानी किसी भी हालात के लिए ताइवान भी तैयार है.


चीन की रॉकेट फोर्स ताइवान के लिए बड़ी टेंशन


चाइनीज युद्धाभ्यास ने ताइवान के खिलाफ लक्ष्मण रेखा लांघ दी है. ये खबर मिलते ही ताइवान के नये राष्ट्रपति विलियम लाई चिंग-ते((Lai Ching-te)) खुद आर्मी बेस पहुंचे. वहां उन्हें अभी के हालात की पूरी जानकारी दी गई. ताइवान की सेना ने उन्हें वो मिसाइल लॉन्चर भी दिखाए, जो तैनात किये जा चुके हैं.


ताइवान के लिए सबसे बड़ा खतरा चीन की तीनों सेनाएं नहीं बल्कि जिनपिंग की रॉकेट फोर्स है, जो इस अभ्यास में शामिल है. चीन की इस सेना में छोटी, मध्यम और लंबी दूरी तक हमला करने की ताकत है. कहा जाता है कि इस फोर्स में हाइपरसोनिक हमला करने की काबिलियत है. ऐसी मिसाइलें हैं, जो ध्वनि की रफ्तार से 5 गुना तेज यानी करीब 6 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से हमला करती हैं. ऐसे हथियारों को रोकने की काबिलियत दुनिया की किसी सेना के पास नहीं है.


आखिर ताइवान पर क्यों भड़का चीन?


चीन के ईस्टर्न थिएटर कमांड ने ये युद्धाभ्यास शुरू किया और बाकायदा इसका मैप भी जारी किया. इस मिलिट्री एक्सरसाइज का कोडनेम है 'Joint Sword-2024-A'. ताइवान के आसपास मौजूद आइलैंड्स के करीब भी चीनी सेना का अभ्यास चल रहा है. अब चीन के युद्धाभ्यास की वजह समझिए.. ताइवान में तीन दिन पहले चीन विरोधी नेता 'विलियम लाई चिंग-ते' ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली और उसके तुरंत बाद चीन की सेना ने आक्रामक शक्तिप्रदर्शन शुरु कर दिया.


अमेरिका के रोल पर लगी सबकी निगाहें


चीन ने ताइवान के चारों तरफ 15 युद्धपोत सहित कम से कम 31 जहाज समंदर में उतारे हैं, इसलिए ताइवान सेना ने अपनी खास मिसाइलों को तटों के पास तैनात कर दिया. ये एक ऐसा एयर डिफेंस सिस्टम है जो दुश्मन के युद्धक जहाजों के साथ चीन की जमीन पर मौजूद किसी टारगेट को भी उड़ा सकता है. हालांकि इन हथियारों के अलावा ताइवान को अमेरिका का साथ भी मिला हुआ है. अमेरिकी राष्ट्रपति कह चुके हैं कि अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया तो अमेरिका ताइवान को सैन्य मदद जरूर देगा. ये वादा करके अमेरिका ने चीन को रोकने का इंतजाम कर दिया है. इसके बावजूद जिनपिंग की सेना ताइवान को धमकाने की कोशिश कर रही है.