India Pakistan News in Hindi: मोदी 3.0 की शुरुआत होते ही पाकिस्तान ने माफी मांगने की तैयारी शुरु कर दी है. पाकिस्तान ने कहा कि वो भारत के साथ अच्छे पड़ोसियों वाला संबंध चाहता है. असल में 25 जून को जब भारत में लोकसभा सांसदों का शपथग्रहण हो रहा था, उस समय पाकिस्तान के डिप्टी प्राइम मिनिस्टर इशाक डार ने भारत के साथ संबंध ठीक करने की बात की. इतना ही नहीं इशाक डार ने ये भी कहा कि भारत से दुश्मनी बनाये रखने में पाकिस्तान को भरोसा नहीं है.


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'भारत के साथ अच्छे पड़ोसियों वाले संबंध'


चूड़ियों के डर से पाकिस्तान ने भारत से दुश्मन खत्म करने का ऐलान किया है. इस्लामाबाद में अचानक दिल्ली से दोस्ती की बात हो रही है..पूरी वजह समझने से पहले पाकिस्तान के डिप्टी प्राइम मिनिस्टर का बयान जानिए, 'भारत के साथ हमारे संबंध ऐतिहासिक रूप से अशांत रहे हैं. पाकिस्तान लगातार दुश्मनी में विश्वास नहीं रखता है. हम भारत के साथ अच्छे पड़ोसियों वाले संबंध चाहते हैं.'


इस्लामाबाद में एक भाषण देते हुए इशाक डार ने सीधे मोदी से माफी मांगने का ऐलान किया. बयान का मतलब यही है कि अतीत में हमारे संबंधों में गड़बड़ी हुई. अब पाकिस्तान सुधर गया है और भारत के साथ अपने रिश्ते ठीक करना चाहता है. ये बयान किसी ऐसे-वैसे पाकिस्तानी ने नहीं दिया. इशाक डार पाकिस्तान में शहबाज शरीफ के बाद नंबर टू हैं यानी डिप्टी प्राइम मिनिस्टर हैं और साथ ही वो विदेश मंत्री भी हैं. हालांकि ये बयान देते समय इशाक डार ने असली वजह नहीं बताई.


IMF के इशारों पर तैयार हुआ बजट


असल में पाकिस्तान की हालत ऐसी है कि वहां का पीएम खुद ऐलान कर रहा है कि IMF के इशारों पर बजट तैयार हुआ है..इसके बाद भी शहबाज़ शरीफ को IMF के जवाब का इंतजार है. अगर इस वक्त भी IMF ने टैक्स बढ़ाने की डिमांड की तो शहबाज़ खुशी-खुशी मान जाएंगे. पिछले 4 महीनों से पाकिस्तान की सरकार इसी तरह से घिसट-घिसट कर चल रही है. पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान के लिये एक भी अच्छी खबर नहीं आई है. 


पाकिस्तान का प्रधानमंत्री IMF से जवाब का इंतजार इसलिये कर रहा है क्योंकि इस्लामाबाद 27 हजार करोड़ रुपये कर्ज के साथ दुनिया भर में लोन लेने वाले देशों में चौथे नंबर पर है. कुछ समय पहले पाकिस्तान के हालात इतने खराब थे कि IMF ने पाकिस्तान को लोन देने से ही मना कर दिया था. इसके साथ ही पाकिस्तान का दोस्त चीन भी उससे खफा है. इसी हफ्ते शी जिनपिंग ने चाइना पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरीडोर की सुरक्षा के मुद्दे पर पाकिस्तानी सरकार को डांटा था. वहीं आज यूएन में कश्मीर का जिक्र होने के बाद भारत ने पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की है.


'फाइनेंस मिनिस्टर की क्या जरूरत' 


इस समय पाकिस्तान के नेशनल टेलीविजन पर भी IMF के इशारों पर चलनेवाली शहबाज़ सरकार का मजाक बनाया जा रहा है. पाकिस्तानी पत्रकार जावेद का कहना है कि अगर बजट IMF ने ही बनाना था तो फिर मेरा नहीं ख्याल कि फाइनेंस मिनिस्टर की जरूरत थी या फिर संसद की जरूरत थी या वहां बजट पेश करने की जरूरत थी. वहां नहीं पहुंचे कि IMF को अल्लाह हाफिज़ कर दें. ये आखिरी प्रोग्राम है IMF का. मैं बचपन से सुन रहा हूं, यही सुन रहा हूं.


अमेरिका भी पाकिस्तान से नाराज


पाकिस्तान सिर्फ IMF ही नहीं अमेरिका की जांच से भी परेशान है. आज अमेरिका ने पाकिस्तान में चुनावों के दौरान हुई धांधली की जांच कराने का ऐलान किया है. माना जाता है कि पाकिस्तान में सेना के इशारे पर शहबाज़ शरीफ की सरकार बनी. अमेरिका की जांच में अगर पाकिस्तान दोषी हुआ तो आगे मदद या लोन मिलने की उम्मीद ना के बराबर होगी. 


इन वजहों ने ही पाकिस्तान की सरकार को भारत से बातचीत के लिये मजबूर कर दिया है. शहबाज़ शरीफ की कोशिश है दिल्ली के साथ बातचीत और व्यापार शुरु करने की है..इसलिये पाकिस्तान का डिप्टी पीएम प्रधानमंत्री मोदी से माफी मांग रहा है.