Manmohan Singh Death: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में 26 दिसंबर 2024 को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में निधन हो गया. उनका निधन भारतीय राजनीति और दुनिया के लिए गहरे शोक का विषय है. मनमोहन सिंह के बारे में कई किस्से सामने आ रहे हैं. लोग उनके साधारण व्यक्तित्व और दूरदर्शी नीतियों को याद कर रहे हैं. मनमोहन सिंह का जन्म पाकिस्तान के झेलम क्षेत्र के एक छोटे से गांव गाह में हुआ था. वहां से भी उनके निधन पर शोक संदेश आए हैं.


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सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया..
दरअसल, पाकिस्तान के पूर्व मंत्री और नेता फवाद चौधरी ने भी मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की. फवाद इसी झेलम क्षेत्र से आते हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने मनमोहन सिंह के योगदान और उनके व्यक्तित्व की सराहना की. वीडियो में उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह का जन्म पाकिस्तान के झेलम जिले के गाह गांव में हुआ था, जो आजकल पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में है. उनका योगदान न केवल भारत, बल्कि इस क्षेत्र के लोगों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत रहा है.


भारत को जो आर्थिक स्थिरता दी है..
फवाद चौधरी ने आगे कहा कि मनमोहन सिंह जी की दूरदर्शी नीतियों ने आज भारत को जो आर्थिक स्थिरता दी है, उसका श्रेय उन्हीं को जाता है. उनका कार्यक्षेत्र बहुत विस्तृत था, और उन्होंने भारतीय राजनीति में हमेशा एक आदर्श प्रस्तुत किया. उनका निधन एक बड़ी क्षति है, और मैं उनकी आत्मा की शांति की कामना करता हूं.



मालूम हो कि मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के गाह गांव में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है. उन्होंने अपनी शिक्षा की शुरुआत यहीं से की, और बाद में Cambridge और Oxford विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त की. भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने में उनका योगदान अतुलनीय है. 1991 में जब उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए, तब उनका नाम एक प्रमुख अर्थशास्त्री के रूप में उभरा.


2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री


पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया. उनके कार्यकाल में भारत ने आर्थिक वृद्धि, वैश्विक प्रतिस्पर्धा, और सामाजिक सुधारों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाए. उनकी नीति, ईमानदारी, और नेतृत्व की शैली भारतीय राजनीति में अमिट छाप छोड़ गई. उनके निधन से न केवल भारत, बल्कि पाकिस्तान में भी शोक की लहर है, जहां से उन्हें हमेशा याद किया जाएगा.