Pakistan News: पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के अधिवक्ताओं ने मंगलवार को कहा कि भ्रष्टाचार के एक मामले में जरदारी को पद पर रहते विशेष छूट मिलेगी. भ्रष्टाचार के इस मामले को आमतौर पर 'पार्क लेन' के रूप में जाना जाता है. जरदारी नौ मार्च को दूसरी बार पाकिस्तान के राष्ट्रपति चुने गए थे.


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इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत के जज नासिर जावेद राणा ने 'पार्क लेन' मामले की सुनवाई की.


जरदारी के वकीलों की दलील
जरदारी के वकीलों ने सुनवाई के दौरान दलील दी कि राष्ट्रपति बनने के बाद उनपर अदालती मामलों में मिलने वाली छूट लागू होती है और अब उनके खिलाफ कोई भी सुनवाई जारी नहीं रह सकती.


क्या है जरदारी पर आरोप?
जरदारी पर आरोप है कि राष्ट्रपति के पद पर रहते उन्होंने राष्ट्रपति के पिछले कार्यकाल (2008 से 2013) के दौरान अपनी कुछ बड़ी कंपनियों के लिए कर्ज जारी करने के लिए संबंधित अधिकारियों को प्रभावित किया था.


2015 के फर्जी खातों और फर्जी लेनदेन से जुड़े मामले के तहत जरदारी, उनकी बहन और उनके कई कथित व्यापारिक सहयोगियों की जांच की जा रही थी.


17 अप्रैल तक सुनवाई स्थगित
अदालत द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या सह-अभियुक्तों के खिलाफ मामला आगे बढ़ सकता है, वकीलों ने सकारात्मक जवाब दिया कि शेष प्रतिवादियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ सकती है. कोर्ट ने सुनवाई 17 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी.


यह केस राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के दावे पर आधारित है कि जरदारी ने अपनी मुखौटा कंपनी पार्थेनन प्राइवेट लिमिटेड के लिए 1.5 अरब रुपये का ऋण जारी कराया था और बाद में यह पैसा फर्जी बैंक खातों के माध्यम से अपने निजी इस्तेमाल के लिए ट्रंप कर दिया गया था.


एनएबी ने राष्ट्रपति पर राष्ट्रीय खजाने को 3.77 अरब रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया.