Pakistan: पाकिस्तान में हिन्दुओं की बेटियों पर नहीं रुक रहा अत्याचार.. नाबालिग लड़की को जबरन बनाया मुसलमान
Pakistan News: पाकिस्तान के सिंध प्रांत से एक और नाबालिग हिंदू लड़की के अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और एक उम्रदराज मुस्लिम व्यक्ति से शादी कराने का मामला सामने आया है.
Pakistan News: पाकिस्तान के सिंध प्रांत से एक और नाबालिग हिंदू लड़की के अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और एक उम्रदराज मुस्लिम व्यक्ति से शादी कराने का मामला सामने आया है. हिंदू समुदाय के नेताओं ने इस घटना पर गहरा आक्रोश जताया है और इसे हिंदू अल्पसंख्यक परिवारों के लिए "दुर्घटनाओं का एक नियमित हिस्सा" करार दिया है. यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब एक अन्य नाबालिग लड़की को, जिसे हैदराबाद से अपहरण किया गया था, एक साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उसके परिवार को वापस सौंप दिया गया.
हैरान कर देने वाली है घटना
पाकिस्तान दारावर इत्तेहाद संगठन के प्रमुख शिवा फकीर काची ने जानकारी दी कि सिंध के हुंगुरू गांव से 16 वर्षीय नाबालिग लड़की का अपहरण किया गया. लड़की को अगवा करने के बाद उसे समुरा इलाके के पास स्थित एक मदरसे में ले जाया गया, जहां उसकी शादी एक अधिक उम्र के व्यक्ति से जबरन कराई गई. अपहरणकर्ताओं ने न केवल उसकी शादी की बल्कि जबरन उसका धर्म परिवर्तन कर उसे मुसलमान भी बना दिया.
मौलवी ने मां-बाप को बेटी से नहीं दिया मिलने
जब लड़की के माता-पिता अपनी बेटी को ढूंढते हुए मदरसे पहुंचे, तो मौलवी ने उन्हें अंदर जाने से मना कर दिया. मौलवी ने लड़की से मिलने तक नहीं दिया, जिससे उसके माता-पिता बेहद निराश और चिंतित हो गए.
हिंदू समुदाय के लिए बढ़ता संकट
शिवा फकीर काची ने बताया कि हिंदू परिवारों की बेटियों के अपहरण, धर्म परिवर्तन और जबरन शादी की घटनाएं अब आम हो गई हैं. गरीब हिंदू परिवारों की बेटियां इन घटनाओं का आसान शिकार बनती हैं क्योंकि उनके परिवारों को अक्सर सरकारी समर्थन नहीं मिल पाता. काची ने कहा कि गरीब हिंदू समुदायों के पास कानूनी लड़ाई लड़ने और अपहृत लड़कियों को वापस लाने के लिए संसाधनों की कमी है. उन्होंने यह भी बताया कि उनका संगठन इस नई घटना में अपहृत लड़की को वापस लाने के लिए कानूनी रास्ता अपनाएगा.
हाल ही में छिड़ी कानूनी लड़ाई
इससे पहले, हैदराबाद की एक अदालत ने एक अन्य नाबालिग लड़की को उसके परिवार के साथ मिलाने का आदेश दिया. लड़की को पिछले साल अपहरण कर लिया गया था, धर्म परिवर्तन कराया गया था, और फिर एक मुस्लिम व्यक्ति से उसकी शादी कर दी गई थी. उस लड़की के परिवार को उसे वापस लाने में एक साल का लंबा संघर्ष करना पड़ा.
न्याय की उम्मीद में लड़ाई जारी
हिंदू समुदाय के नेताओं का कहना है कि पाकिस्तान में उनके साथ हो रहे इस तरह के अत्याचारों को लेकर उन्हें अब तक पर्याप्त समर्थन नहीं मिला है. इस वजह से उनके समुदाय की महिलाओं और किशोरियों को अपहरण और धर्म परिवर्तन जैसी अमानवीय घटनाओं का सामना करना पड़ता है. शिवा फकीर काची ने कहा कि उनकी टीम कानूनी रूप से इस मामले में पूरी कोशिश करेगी ताकि अपहृत लड़की को वापस लाया जा सके और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मजबूत कदम उठाए जा सकें.