Pakistan Election Result: पाकिस्तान में चुनाव आयोग ही `गायब`, इमरान की जीत से क्या उथल-पुथल मचने वाली है?
Nawaz Sharif Win: पिछड़ रहे पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ चुनाव जीत गए हैं. हालांकि उनकी पार्टी सरकार बनाने से काफी दूर है. इमरान खान के निर्दलीय उम्मीदवार बहुमत बनाते दिख रहे हैं लेकिन नतीजों में देरी से रिजल्ट बदलने की आशंकाएं जताई जाने लगी हैं. आज चुनाव आयोग के लापता होने की भी चर्चा है.
Pakistan Election: जैसे-जैसे पाकिस्तान के चुनाव नतीजों में देरी हो रही है, धांधली की आशंकाएं बढ़ती जा रही हैं. आधी रात में ही इमरान खान की पार्टी के समर्थन वाले निर्दलीय उम्मीदवार 150 से ज्यादा सीटों पर आगे थे लेकिन सुबह 11 बजे तक केवल 24 सीटों की घोषणा हो पाई. वोटों की गिनती के बीच सोशल मीडिया पर पाकिस्तान चुनाव आयोग के 'गायब' होने की बातें की जा रही हैं. जी हां, खुद को एक इंटरनेशनल थिंक टैंक का डिप्टी डायरेक्टर बताने वाले शख्स ने दावा किया है कि पाकिस्तान के मुख्य चुनाव आयुक्त लापता हो गए हैं और आज वह अपने ऑफिस में नहीं दिख रहे हैं.
पाक मीडिया में भी इस बात की काफी चर्चा हुई. हालांकि कुछ देर बात सोशल मीडिया पर ही बताया गया कि मुख्य चुनाव आयुक्त कुछ समय बाद ऑफिस में दिखाई दिए. ऐसे में पाकिस्तान चुनाव के नतीजों में विश्वसनीयता को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. भारत के लोग भी टीवी और वेबसाइटों पर पाक चुनाव का अपडेट ले रहे हैं.
सेना थी शरीफ के साथ लेकिन...
हां, चुनाव से पहले माना जा रहा था कि सेना का सपोर्ट होने के कारण नवाज शरीफ का पीएम बनना तय है. हालांकि जनता ने जेल में बंद इमरान खान पर भरोसा जताया. हाल यह हो गया था कि कुछ घंटे पहले तक नवाज शरीफ खुद हजारों वोट से पीछे चल रहे थे. अब वह जीत गए हैं लेकिन मीडिया में कहा जा रहा है कि इमरान जेल से बाहर आए तो कोई दूसरा पूर्व पीएम जेल जा सकता है. इस परिस्थिति से बचने के लिए नवाज शरीफ देश छोड़कर भाग सकते हैं.
एक पाकिस्तानी पत्रकार ने बताया कि रात 2 बजे तक मुख्य चुनाव आयुक्त ने केवल एक सीट की घोषणा की थी. यह भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या इमरान खान का हाल शेख मुजीबअरहमान जैसा हो सकता है. पाक मीडिया में इस बात का भी मजाक उड़ रहा है कि इंटरनेट नहीं था, मोबाइल की बैट्री डाउन थी. देरी में ऐसे कारण समझ से परे हैं.
पाक सेना vs इमरान खान
विदेश मामलों के जानकार सुशांत सरीन का कहना है कि पाकिस्तान में तख्त या तख्ता वाली राजनीति चलती है. देश के जो प्रधानमंत्री होते हैं वह पीएम हाउस में रहते हैं या अदियाला जेल में. जेल से वह वापस पीएम हाउस या लंदन चले जाते हैं. इसमें फौज का किरदार अहम है. सारा खेल इमरान खान और आर्मी चीफ आसिफ मुनीर के बीच टकराव का है. आसिफ ने सारे दांव पेंच खेल लिए, उसके बावजूद जनता ने इमरान पर भरोसा जताया है. नतीजे में चाहे जो फेरबदल कर लें लेकिन सवाल यह है कि क्या पब्लिक मानेगी? पाक में फौज का एक और ट्रेडिशन है. जब पब्लिक फौज के खिलाफ हो जाए तो आर्मी चीफ को पीछे हटना ही पड़ता है. ऐसे में उथल-पुथल मच सकती है.
जनरल आसिफ मुनीर के लिए यह मुश्किल घड़ी है. पाक फौज के अंदर भी इमरान खान का एक सपोर्ट बेस है. ऐसे में आर्मी चीफ को पंगे लेने से बचना होगा. 265 में से बहुमत के लिए 133 सीटों की जरूरत होगी. शाम तक तस्वीर साफ हो सकती है. फिलहाल नवाज शरीफ, मरियम नवाज और शाहबाज शरीफ चुनाव जीत गए हैं.