Pakistan Election: जीतकर भी क्यों हार गए इमरान खान, कहां हो गई चूक? बिलावल भुट्टो की `गुगली` में फंसे नवाज शरीफ
Imran Khan: एक तरफ पाकिस्तान में फौजी सरकार अपने नए पियादे को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठाने की तैयारी कर रही है, तो वहीं इमरान खान के समर्थन में पूरे पाकिस्तान में नया माहौल बनता जा रहा है, क्योंकि इमरान जीतकर भी हार गए हैं.
Pakistan Election Results 2024: पाकिस्तान में चुनाव हुए दो दिन बीत चुके हैं, लेकिन नई सरकार की तस्वीर साफ नहीं हो पा रही है. अगला पीएम कौन बनेगा इस पर सस्पेंस बरकरार है. जेल में बंद होने के बावजूद भी पाकिस्तान की सियासत मे इमरान खान का जलवा बरकरार है और इस बात की गवाही चुनावी नतीजों ने भी दे दी है. इमरान भले ही नंबर में आगे हों, लेकिन फौज के सहारे नवाज जनादेश का खेल बिगाड़ने की फिराक में हैं. फौज की शह के बाद पाकिस्तान में गठबंधन सरकार राह तेज हो रही है. पाकिस्तान के इस पूरे सियासी समीकरण में बिलावल भुट्टो किंगमेकर की भूमिका में आ सकते हैं. बिलावल की पीपीपी के गठबंधन के बिना सत्ता के तख्त पर आसीन होने के नवाज के सपने टूट सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक इस बार बिलावल भुट्टो किंगमेकर की बजाय़ किंग की भूमिका में आना चाहते हैं. हालांकि, सेना ही पाकिस्तान का आखिरी सच है. बताया जा रहा है कि सेना की पर्ची में इस बार नवाज शरीफ की ताजपोशी तय है. ऐसे में बिलावल पर नवाज का पलड़ा भारी पड़ सकता है.
शतक लगाकर भी हार गए इमरान खान
पाकिस्तान की 265 में से 255 सीटों के नतीजे आ गए हैं. इमरान खान की PTI समर्थित 101 निर्दलीयों ने जीत दर्ज की है. वहीं, नवाज शरीफ की PMLN को 77 सीट मिली है. तीसरे पर बिलावल भुट्टो की PPP है, जो अब तक 54 सीटें हासिल कर चुकी है. इसके बाद चौथे नंबर अलताफ हुसैन की MQM-P है, जिसके पास 17 सीटें हैं. बिलावल भुट्टो की PPP को 54 सीट मिली है. बता दें कि नेशनल असेंबली की 336 सीट में से 266 पर ही मतदान कराया जाता है लेकिन बाजौर में, हमले में एक उम्मीदवार की मौत हो जाने के बाद एक सीट पर मतदान स्थगित कर दिया गया था. अन्य 60 सीट महिलाओं के लिए और 10 अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं और ये जीतने वाले दलों को आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर आवंटित की जाती हैं. नई सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 265 सीट में से 133 सीट चाहिए.
जीतकर भी कैसे हार गए इमरान खान
एक तरफ पाकिस्तान में फौजी सरकार अपने नए पियादे को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठाने की तैयारी कर रही है, तो वहीं इमरान खान के समर्थन में पूरे पाकिस्तान में नया माहौल बनता जा रहा है, क्योंकि इमरान जीतकर भी हार गए हैं. मतबल साफ है कि आर्मी चीफ मुनीर जो चाहते थे, पाकिस्तानी में वही हो भी रहा है. सेना ने साम, दाम, दंड, भेद के साथ इमरान खान को अपनी गुगली में फंसा लिया है. नवाज शरीफ के आदेश के मुताबिक शहबाज शरीफ ने बिलावल भुट्टो के पिता आसिफ अली जरदारी और मौलाना फजलुर्रहमान से मुलाकात की. संभव है कि नवाज की पार्टी PML-N और बिलावल की पार्टी PPP मिलकर नई सरकार बनाएं. यानी पाकिस्तानी पॉलिटिकल लीग में सीटों का शतक लगाने के बावजूद इमरान खान मैच हार चुके हैं.
क्या हो सकता है सरकार बनाने का गुणा-गणित
नतीजों से साफ हो चुका है कि किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिली है ऐसे में अब सभी पार्टियां सरकार बनाने के लिए जोड़तोड़ में लगी हैं. नवाज शरीफ की कोशिश है कि किसी भी हाल में सरकार वही बनाएं, जबकि बिलावल चाहते हैं वो गद्दी पर बैठें. ऐसे में सरकार बनाने का क्या गुणा-गणित हो सकता है. पाकिस्तान में नई सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को नेशनल असेंबली में 265 में से 133 सीट जीतनी जरूरी हैं, लेकिन इस आंकड़े को कोई भी पार्टी अकेले दम पर नहीं छू पाई. ऐसे में नवाज की मुस्लिम लीग और बिलावल की पीपुल्स पार्टी साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए तैयार हैं.
अब तक के नतीजों में नवाज की PML-N को 73 सीटों पर जीत मिली है, बिलावल की PPP के खाते में 54 सीटें आई हैं. जबकि, फजलुर्रहमान की JUI-F सिर्फ 2 सीटों पर जीती है. गठबंधन के बाद कुल 129 सीटें होती हैं और बहुमत के लिए 133 चहिए. ऐसे में अभी 5 सीटों की और दरकार है, जबकि 10 सीटों के नतीजे आना बाकी हैं. अब अगर गठबंधन को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है तो उन्हें निर्दलीय उम्मीदवारों की जरूरत पड़ेगी. इसकी तैयारी नवाज शरीफ ने पहले ही कर दी है. वो पूरे नतीजे आने से पहले ही आवाम के सामने पहुंच गए और इमरान समर्थित उम्मीदवारों पर डोरे डालने शुरू कर दिए.
फौजी सरकार का 'प्यादा' कौन?
अब सवाल ये है कि फौजी सरकार का अगला प्यादा कौन होगा. मतलब वजीर-ए-आजम की गद्दी पर कौन बैठेगा? क्योंकि, आसिफ अली जरदारी की पूरी प्लानिंग बिलावल को प्रधानमंत्री बनाने की है. शहबाज शरीफ के साथ हुई की बैठक में जरदारी ने इस मुद्दे पर भी चर्चा की है. लेकिन, दूसरी तरफ नवाज शरीफ सत्ता की कुर्सी पर बैठना चाहते हैं. आर्मी का सपोर्ट मिलने की वजह से नवाज शरीफ और उनकी पार्टी के नेता जीत को लेकर जोश से भरे हुए थे. लेकिन, इमरान के निर्दलीय प्रत्याशियों की धुआंधार जीत से नवाज का कॉफिडेंस डगमगा गया है. इसलिए, अब वो सभी को साथ आने की दावत दे रहे हैं. हालांकि, अब देखने वाली बात होगी कि निर्दलीय प्रत्याशी नवाज का ऑफर कबूल कर करते हैं या अपने कैप्टन के वफादार रहते हैं.
इमरान खान से कहां हो गई चूक
PMLN और PPP की उम्मीदों के उलट नतीजों से इमरान समर्थकों की खुशी का ठिकाना नहीं है और वो मोये मोये के जरिए नवाज और बिलावल का मजाक उड़ा रहे हैं. इमरान भले ही जेल में हों, लेकिन उनकी पार्टी PTI का दावा कि है पाकिस्तान का अगला प्रधानमंत्री इमरान खान ही तय करेंगे. PTI भले ही दावा कर रही हो कि पीएम इमरान खान ही तय करेंगे, लेकिन पाकिस्तान में फौज PTI की उम्मीदों को धूमिल करेगी ये तय है, क्योंकि इमरान और फौज फिलहाल एक दूसरे के जानी दुश्मन बने हुए हैं.
पाकिस्तान में 'गृहयुद्ध' जैसे हालात
नवाज़ और बिलावल मिलकर सरकार बनाने की जुगत में लगे हैं तो नतीजों के बाद पाकिस्तान सुलगने लगा है. इमरान खान के समर्थक सड़क पर हैं और सेना को खुली चुनौती दे रहे हैं. अब सवाल ये है कि पाकिस्तान में हुए चुनाव का परिणाम क्या गृहयुद्ध है, क्योंकि पाकिस्तान के लिए चुनाव से पहले जो दावा किया गया था वो शायद सच साबित हो रहा है. नतीजों में गड़बड़ी के वीडियोज आए हैं. नतीजों के बाद हिंसा की तस्वीरें आई हैं, जो भविष्यवाणी को सही करार दे रही हैं. इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप ने चुनाव से पहले ही दावा किया था कि अगर चुनाव में धांधली हुई तो पाकिस्तान में गृह युद्ध छिड़ सकता है.