Pakistan Election 2024 News in Hindi: पाकिस्तान में हुए आम चुनाव में जिस तरह प्रमुख पार्टी पीटीआई को बैन करके उसके नेता इमरान खान को जेल में डाल दिया गया, उससे पूरी दुनिया में उसका मखौल उड़ रहा है. अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा समेत कई पश्चिमी देश उसके चुनाव नतीजे पर लगातार सवाल उठा रहे हैं. दुनिया में बढ़ रही इन आलोचनाओं से पाकिस्तान झल्ला गया है. पाकिस्तान ने गुरुवार को बयान जारी करके कहा कि संसदीय चुनाव उसका आंतरिक मामला है, जिस पर किसी को सलाह देने की जरूरत नहीं है.


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पाकिस्तान में लोकतांत्रिक आजादी


विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने दावा किया कि पाकिस्तान एक लोकतांत्रिक देश है और आम चुनाव में लाखों मतदाताओं ने हिस्सा लिया था. बलोच ने वीकली मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘पाकिस्तान अपने संविधान के दायित्वों को गंभीरता पूर्वक लेता है और यहां की आवाम आजादी और लोकतंत्र के अधिकार का आनंद लेने के लिये स्वतंत्र हैं .’


उन्होंने जोर देकर कहा, ‘इस संबंध में पाकिस्तान की ओर से उठाया जाने वाला हर कदम उसके अपने संवैधानिक दायित्वों के अनुरूप है, और बाहरी सलाह से प्रभावित नहीं है. प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान ने चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता दिखाने के लिए राष्ट्रमंडल के एक समूह सहित विदेशी पर्यवेक्षकों को बुलाया था. 


पर्दे के पीछे से सरकार चला सकती है सेना


बताते चलें कि कई देशों के थिंक टैंक, अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन और संयुक्त राष्ट्र ने 8 फरवरी को वोटिंग के दिन हुई कथित अनियमितताओं की कड़ी निंदा की है. इसके साथ ही चुनाव के नतीजे घोषित करने में की गई देरी को धांधली करार दिया है. इस खंडित जनादेश की वजह से पाकिस्तान में अब तक नई सरकार का गठन नहीं हो पाया है. ऐसे में इस बात की संभावना है कि ताकतवर सेना पर्दे के पीछे रहते हुए अपने कंट्रोल वाली गठबंधन सरकार बनवा सकती है. 


अमेरिका और यूरोपीय संघ दोनों ने राजनीतिक कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने और कथित चुनावी धांधली पर चिंता जताई है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अनियमितताओं, हेराफेरी और धोखाधड़ी से भरी गतिविधियों के सभी आरोपों की व्यापक जांच करवाई जानी चाहिए. इसी तरह की चिंता ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड कैमरन और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मामलों एवं व्यापार विभाग ने भी व्यक्त की थी. 


पाकिस्तान में स्थिरता आने की संभावना नहीं- ICJ 


इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICJ) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि धांधलीपूर्ण चुनावों की वजह से पाकिस्तान में स्थिरता आने की संभावना नहीं है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने भी सोमवार को पाकिस्तान से आग्रह किया कि वह चुनाव के बाद की स्थितियों का कानूनी तरीकों से समाधान करे. हालांकि, राष्ट्रमंडल पर्यवेक्षक मिशन ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में, कुछ हद तक चुनावी प्रक्रिया को संतोषजनक बताया है.