Pakistan News: पाकिस्तान ने ईरान में बलूच अलगाववादी समूहों - बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी - के ठिकानों को निशाना बनाया है. गौरतलब है कि ईरान ने मंगलवार को बलूचिस्तान प्रांत में आतंकवादी ग्रुप जैश अल-अदल के ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया था. पाकिस्तान ने ईरानी हमलों को देश की ‘संप्रभुता का उल्लंघन’ करारा दिया था और गंभीर नतीजे भगुतने की धमकी दी थी.


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आखिर बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी क्या है जिन्हें इस्लामाबाद ने निशाना बनाया है.


बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए)
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी [जिसे बीएलए या बलूच लिबरेशन आर्मी के रूप में भी जाना जाता है,   एक बलूच उग्रवादी संगठन है. बीएलए ने पहली आतंकी कार्रवाई 2000 की गर्मियों में अंजाम दी थी जब इसने पाकिस्तानी अधिकारियों पर हुई बमबारी का क्रेडिट लिया था.


2004 में, बीएलए ने बलूच लोगों के आत्मनिर्णय और बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग करने के लिए इस्लामाबाद के खिलाफ हिंसक संघर्ष शुरू करने का ऐलान किया. बीएलए को पाकिस्तान, यूके, और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा एक आतंकवादी संगठन के रूप में लिस्‍टेड किया गया है.


बीएलए मुख्य रूप से पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत बलूचिस्तान में अपने ऑपरेशन करता है. यहां यह पाकिस्तान सशस्त्र बलों, नागरिकों और विदेशी नागरिकों को निशाना बनाता है.  


बलूच लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ)
बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट बलूचिस्तान क्षेत्र में सक्रिय एक आतंकवादी समूह है. इस ग्रुप की स्थापना जुम्मा खान ने 1964 में सीरिया की राजधानी दमिश्क में की थी.


बीएलएफ ने ईरान के सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत में 1968-1973 के विद्रोह और पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में 1973-1977 के विद्रोह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. हालांकि दोनों बार यह बुरी तरह नाकाम हुआ.


2003 तक इस संगठन की स्थिति काफी कमजोर हो गई थी. 2003 में इसकी कमान अल्लाह नजर बलोच ने संभाली थी उसके नेतृत्व में संगठन फिर एक्टिव हुआ है. तब से बीएलएफ ने नागरिकों, पत्रकारों, सरकारी अधिकारियों और सैन्य कर्मियों पर हमलों की जिम्मेदारी ली है.