डेल्टा से भी खतरनाक है Corona Lambda Variant? 29 देशों में मचा रहा तबाही
कोरोना के एक के बाद एक वेरिएंट चिंता बढ़ाते जा रहे हैं. अब कोरोना के लैम्ब्डा वेरिएंट (Corona Lambda Variant) ने दुनिया की चिंता बढ़ा दी है. यह 29 देशों में फेल चुका है लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है पेरू. पेरू में अब तक प्रति व्यक्ति कोविड मौतों की संख्या सबसे अधिक है. कोरोना से प्रति एक लाख की आबादी पर 596 लोगों की मौत हुई है. इसके बाद हंगरी है, जहां प्रति एक लाख लोगों पर 307 मौतें हुई हैं.
लैम्ब्डा का खतरा बढ़ता जा रहा है?
पेरू की राजधानी लीमा में अगस्त 2020 में लैम्ब्डा (Corona Lambda Variant) पाया गया. अप्रैल 2021 तक पेरू में इसका प्रभाव 97 फीसदी था. लैंबडा अब विश्वव्यापी हो गया है. हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह 29 देशों में पाया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘लैम्ब्डा कई देशों में सामुदायिक प्रसारण का कारण है, समय के साथ इसकी व्यापकता और कोविड-19 मरीजों की संख्या बढ़ रही है.’
म्यूटेशन का भी कारण?
14 जून 2021 को, WHO ने लैम्बडा को कोरोना का वैश्विक वेरिएंट घोषित किया. पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने 23 जून को इसे ‘अंतरराष्ट्रीय विस्तार और कई उल्लेखनीय म्यूटेशन’ का कारण करार दिया. ब्रिटेन में लैम्बडा के 8 मामलों में से अधिकांश को विदेश यात्रा से जोड़ा गया है.
कोरोना का खतरनाक स्वरूप है लैम्बडा?
वायरस का जिज्ञासा का एक प्रकार वह है जिसमें म्यूटेशन होते हैं जो कि ट्रांसमिसिबिलिटी (कितनी आसानी से वायरस फैलता है), बीमारी की गंभीरता, पिछले संक्रमण या टीकों से प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता, या confusing diagnostic tests जैसी चीजों को प्रभावित करने के लिए जाने जाते हैं. कई वैज्ञानिक लैम्बडा के म्यूटेशन के अनयूजअल कॉम्बिनेशन (unusual combination) की बात करते हैं, जो इसे और अधिक खतरनाक बना सकता है.
वैक्सीन का कितना प्रभाव
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी ग्रॉसमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन के एक प्रीप्रिंट ने लैम्बडा वेरिएंट के खिलाफ फाइजर (pfizer) और मॉडर्ना टीके (Moderna Vaccine) के प्रभाव को देखा. इस दौरान पाया गया कि मूल वायरस की तुलना में लैम्बडा के खिलाफ एंटीबॉडी में दो से तीन गुना कमी पाई.
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डेल्टा से कितना खतरनाक?
लैम्बडा को लेकर कई गई रिसर्च के मुताबिक फिलहाल ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे कहा जा सके कि लैम्बडा, डेल्टा से ज्यादा खतरनाक है. फिलहाल स्टडी की जा रही है. जानकार भी अभी लैम्बडा को लेकर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सके हैं.