Japan Low Birth Rate: गिरती जनसंख्या से परेशान ये देश, नागरिकों को बच्चा पैदा करने के लिए अब देगा इतने लाख रुपये

Japan Declining Population: जापान पिछले कुछ समय से गिरती जन्मदर से परेशान है. देश के स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय को उम्मीद है कि कुछ पैसों का वादा लोगों को बच्चा पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करेगा. जापान टुडे की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. फिलहाल बच्चा पैदा होने पर नए पैरेंट्स को 4,20,000 येन (2,53,338 रुपये) दिए जाते हैं. स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्री कात्सुनोबु काटो इस आंकड़े को बढ़ाकर 500,000 येन (3,00,402 रुपये) करना चाहते हैं. जापान टुडे के मुताबिक, उन्होंने योजना पर चर्चा करने के लिए पिछले हफ्ते जापानी प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा के साथ बात की, जिसे स्वीकार किए जाने और वित्त वर्ष 2023 के लिए प्रभावी होने की संभावना है.

रचित कुमार Tue, 13 Dec 2022-1:42 pm,
1/6

'चाइल्डबर्थ एंड चाइल्डकेयर लम्प-सम ग्रांट' नाम के बावजूद जापान में लोग बच्चे पैदा नहीं करना चाहते हैं. इसका एक मुख्य कारण बढ़ती लागत है. भले ही इस राशि को जापान का पब्लिक मेडिकल इंश्योरेंस सिस्टम सपोर्ट करता हो,लेकिन चाइल्ड बर्थ फीस जेब से भरनी पड़ती है. डिलिवरी की लागत का राष्ट्रीय औसत 4,73000 येन है. 

2/6

भले ही रकम बढ़ा दी जाए लेकिन माता-पिता जब अस्पताल से घर लौटेंगे तो उनके पास औसतन 30,000 येन ही बचेंगे, जो बच्चे को पालने के लिए कोई ज्यादा बड़ी रकम नहीं है. 

 

3/6

कुल मिलाकर, नए माता-पिता थोड़े एक्स्ट्रा पैसे पाकर खुश होंगे क्योंकि उनका परिवार बढ़ेगा. साथ ही 80,000 येन का इजाफा अनुदान के लिए अब तक की सबसे ज्यादा और 2009 के बाद पहली बार होगी.

4/6

 साल 2021 में जारी सरकारी डेटा के मुताबिक, जापान में एक सदी से भी ज्यादा समय में सबसे कम बच्चे पैदा हुए हैं. इस आंकड़े से हलचल मच गई है क्योंकि जनसंख्या में गिरावट से भविष्य में बड़े प्रभाव पड़ेंगे. लंबे वक्त ये यह मुद्दा देश की नीति और राजनीतिक चिंता का विषय रहा है. 

5/6

रॉयटर्स के अनुसार, देश में पिछले साल 8,11,604 जन्म और 14,39,809 मौतें दर्ज की गईं, जिसके परिणामस्वरूप जनसंख्या में 6,28,205 की गिरावट आई. डेटा उपलब्ध होने के बाद से यह सबसे बड़ी प्राकृतिक गिरावट है. 

6/6

स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय के एक अधिकारी ने जीजी प्रेस को बताया कि पिछले साल प्रजनन दर में गिरावट का कारण प्रसव उम्र की महिलाओं की संख्या में कमी के साथ-साथ 20 वर्ष की महिलाओं की प्रजनन दर में कमी है.

 

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link