रहस्यों से भरा हुआ है गीजा का पिरामिड, जिन्हें आजतक नहीं सुलझा पाया कोई
मिस्र और वहां की सभ्यता अपने आप में ही एक रहस्य है. यहां के लोग, उनके रीती-रिवाज, और पिरामिड अपने आप में कई रहस्यों को समेटे हुए है.
दुनिया के सात अजूबों में से एक मिस्र की सबसे रहस्यमयी कलाकृति 'द ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा', है. हम आपको इस पिरामिड के कुछ रहस्यों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें आज तक नहीं सुलझाया जा सका.
गीजा के ग्रेट पिरामिड को कूफू पिरामिड के नाम से भी जाना जाता है. इस पिरामिड को प्राचीन मिस्र के राजा कूफू के शव को सुरक्षित रखने के लिए बनाया गया था.
गीजा का महान पिरामिड लगभग 3200 ईसा पूर्व में बनवाया गया था. इसकी ऊंचाई करीब 450 फीट है. इस पिरामिड को बनाने में 23 लाख पत्थर ब्लॉक्स का इस्तेमाल किया गया था.
अभी तक के शोध के मुताबिक इसमें तीन तहखाने मिले हैं- ग्रैंड गैलरी, राजा का कक्ष और रानी का कक्ष. हैरान करने वाली बात यह है कि राजा और रानी के कक्ष में उनकी ममी या शव नहीं मिली है.
मिस्र का तापमान चाहे कितना भी हो, लेकिन पिरामिड के अंदर का तापमान हमेशा 20 डिग्री सेल्सियस ही रहता है.
गीजा के पिरामिड को ऐसा बनाया गया है कि इन्हें इजराइल के पहाड़ों से भी देखा जा सकता है. ऐसा कहा जाता है कि गीजा का पिरामिड चांद से भी दिखाई देते हैं.
मिस्रवासी पिरामिड का इस्तेमाल वेधशाला, कैलेंडर, सनडायल और सूर्य की परिक्रमा में पृथ्वी की गति तथा प्रकाश के वेग को जानने के लिए करते थे.