Svalbard: यहां मरना है मना! जन्म के लिए अस्पताल में लेबर वार्ड भी नहीं, रहते हैं 40 देशों के लोग

Earth Northmost Town: नॉर्वे (Norway) देश का एक हिस्सा Svalbard है, जो धरती का सबसे उत्तरी भाग कहा जाता है. यहां का मौसम काफी ठंडा है. आईलैंड पर तापमान माइनस 30 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाता है और तापमान अगर ऊपर जाता है तो 7 डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं होता है. यहां कुछ अजीबोगरीब कानून होने का दावा किया जाता है. जैसे यहां मरना अवैध है. बच्चे के जन्म के लिए यहां अस्पताल में लेबर वार्ड नहीं है. जानबूझकर अस्पताल में ज्यादा सुविधाएं नहीं दी गई हैं. यहां पक्षी नहीं मारे जाएं, इसके लिए बिल्ली पालने पर भी बैन है. इस आईलैंड पर थाईलैंड समेत करीब 40 देश के लोग रहते हैं. आइए जानते हैं कि Svalbard के अजीबोगरीब कानून क्या हैं.

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कठोर जलवायु के कारण Svalbard में शवों को दफनाने की अनुमति नहीं है क्योंकि यहां दफनाए गए शव कभी सड़ते नहीं हैं. दफनाने के बाद कब्र में शव ऐसे रखे रहते हैं कि जैसे फ्रीजर में उनको सुरक्षित रखा गया हो. हालांकि ऐसा कोई लिखित कानून तो यहां नहीं है, लेकिन जो भी गंभीर बीमारी से पीड़ित होता है उसको इलाज के लिए आईलैंड से नॉर्वे शिफ्ट कर दिया जाता है.

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जान लें कि Svalbard में एक छोटा सा कब्रिस्तान है, जहां साल 1918 में 7 शवों का दफनाया गया था और जब 1998 में खुदाई की गई तो ये बॉडी सुरक्षित निकलीं. दफनाने के बावजूद नहीं सड़ीं. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि यहां का तापमान माइनस 30 डिग्री सेल्सियस से 7 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है.

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अगर Svalbard में कोई गंभीर बीमारी से पीड़ित है तो उसे तुरंत नॉर्वे शिफ्ट कर दिया जाता है क्योंकि यहां का अस्पताल ज्यादा बड़ा नहीं है. ऐसा इसलिए किया गया है कि आईलैंड पर किसी की मौत ना हो. अगर कोई बीमार है तो वो नॉर्वे जाकर इलाज कराए. बच्चे को जन्म देने के लिए यहां अस्पताल में लेबर वार्ड भी नहीं है.

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Svalbard में शराब खरीदने के लिए भी सख्त कानून है. यहां रहने वाले हर महीने एक तय सीमा में ही शराब खरीद सकते हैं. अगर वो किसी टूरिस्ट के लिए शराब खरीदते हैं तो उनको अपना बोर्डिंग पास दिखाना पड़ता है. बिना बोर्डिंग पास दिखाए शराब नहीं मिलती है.

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बता दें कि Svalbard में जब भी कोई घर से बाहर निकले तो उसे अपने साथ आग की मशाल लेकर ही निकलता होता है क्योंकि यहां पोलर बियर के हमले का खतरा रहता है. साल 1970 के बाद से यहां कम से कम पांच बार लोगों पर पोलर बियर का हमला हो चुका है. पोलर बियर का शिकार हुए लोगों में एक महिला भी शामिल है, जो गंभीर रूप से घायल हो गई थी.

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