PM Modi and Nahayan Meet in BRICS 2024: रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात की. समिट के शेड्यूल से हटकर अचानक हुई इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के प्रति आत्मीयता दिखलाई और भाइयों की तरह खिलखिलाकर बात करते दिखाई दिए. इस मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने एक्स प्लेटफार्म पर जो पोस्ट शेयर की, उसमें भी दोनों के बीच संबंधों की प्रगाढ़ता स्पष्ट हुई.


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हाथों में हाथ पकड़कर हंसते दिखे दोनों नेता


प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान अपने भाई, संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मिलकर मुझे खुशी हुई.' शेयर की गई पोस्ट में दोनों नेता सोफा पर एक साथ बैठकर हाथों में हाथ डालकर बात करते नजर आए. पीएम मोदी की किसी बात पर नाह्यान सिर नीचे करके जोर से हंसते हुए नजर आ रहे थे. 


ब्रिक्स समिट में शामिल हुए पीएम मोदी


बता दें कि पीएम मोदी रूस के कजान शहर में आयोजित हुई ब्रिक्स समिट 2024 में शामिल होने के लिए गए हुए थे. इस संगठन में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका संस्थापक सदस्य हैं. जबकि इस बार इथियोपिया, ईरान, मिस्र और सऊदी अरब को भी इस संगठन से जोड़ा गया है. कजान में हुई इस समिट में विभिन्न देशों के नेता वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की. 


इस समिट में शेड्यूल से अलग हटकर पीएम मोदी और राष्ट्रपति नाह्यान ने भारत और यूएई के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की. मुलाकात के दौरान, व्यापार, निवेश और सामरिक सहयोग जैसे क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने की संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श हुआ. भारत और यूएई के बीच लंबे समय से अच्छे संबंध रहे हैं और यह मुलाकात इन संबंधों को और गहरा करने का एक महत्वपूर्ण कदम है.


भारत के लिए क्यों खास है यूएई? 


इससे पहले पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. उन्होंने चर्चा के दौरान एक बार फिर से रूस-यूक्रेन युद्ध का जिक्र किया. उन्होंने रूस के राष्ट्रपति के समक्ष कहा कि समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से ही होना चाहिए. शांति और स्थिरता की जल्द से जल्द बहाली का भारत पूरी तरह समर्थन करता है. इसके साथ ही पीएम मोदी ने शानदार आतिथ्य के लिए रूस के राष्ट्रपति का आभार भी व्यक्त किया.



बताते चलें कि संयुक्त अरब अमीरात में लाखों भारतीय प्रवासी काम करते हैं, जिससे देश को अरबों रुपये की विदेशी मुद्रा मिलती है. वह भारत को तेल निर्यात करने वाला अहम देश भी है. जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद वहां पर निवेश की घोषणा करने वाला यूएई पहला बड़ा मुस्लिम मुल्क है. वहीं भारत से यूएई को अनाज, दाल, चीनी, फल, सब्जी समेत खाने-पीने की चीजें मिलती हैं. पाकिस्तान के मुस्लिम कार्ड को खोखला करने और मुस्लिम देशों में भारत की पैठ बढ़ाने के लिए पीएम मोदी ने लगातार मेहनत करके इन देशों के प्रमुखों के साथ व्यक्तिगत संबंध बना लिए हैं, जिसका लाभ अब देश को मिल रहा है.


(एजेंसी आईएएनएस)