Russia BRICS Summit 2024: पहले पूर्वी लद्दाख में तनातनी कम होने के संकेत और आज भारत और चीन के नेता मिलने वाले हैं. जगह है रूस का कजान शहर, जहां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन हो रहा है. मेजबान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन हैं, जो भारत के साथ-साथ चीन और ईरान से भी अच्छे रिश्ते रखना चाहते हैं. ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आज होने वाली मुलाकात महत्वपूर्ण हो जाती है. इस द्विपक्षीय बैठक पर दुनिया की नजरें हैं. मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में बॉर्डर पर संघर्ष के बाद इस तरह की पहली बैठक होगी. इससे पहले कजान से एक तस्वीर आई है जो मौजूदा समय में एक बड़ा संदेश लिए हुए है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

डिनर डिप्लोमेसी


जी हां, दो दिन की ब्रिक्स समिट के पहले दिन मंगलवार शाम पुतिन ने विदेशी मेहमानों के लिए डिनर रखा था. जिनपिंग और पीएम मोदी भी साथ थे. इसी दौरान एक फ्रेम में तीनों नेता कुछ अलग अंदाज में दिखाई दिए. इस इनफॉर्मल डिनर में पुतिन जिनपिंग से कुछ कहते दिखाई देते हैं और चीनी राष्ट्रपति मुस्कुराते हैं. इधर पीएम मोदी थम्स अप का इशारा करते हुए मुस्कुराते दिखते हैं. ऐसा लगता है जैसे चीन को भी समझ में आ गया है कि नए वर्ल्ड ऑर्डर में वह भारत को नाराज कर आगे नहीं बढ़ सकता है. मोदी और जिनपिंग के बीच में पुतिन खड़े हैं. डिप्लोमेसी में इसका भी मैसेज है.



5 साल बाद ऐसी बैठक


इससे कुछ घंटे पहले ही विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भारत-चीन द्विपक्षीय बैठक की घोषणा की. यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब सोमवार को भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपनी सेनाओं द्वारा गश्त करने के समझौते पर सहमति जताई थी. यह चार साल से चल रहे गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है.


मिस्री ने कहा, 'मैं पुष्टि कर सकता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति चिनफिंग के बीच बुधवार को द्विपक्षीय बैठक होगी.'


नवंबर 2022 में, मोदी और शी ने इंडोनेशियाई राष्ट्रपति द्वारा जी-20 नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज में एक-दूसरे का अभिवादन किया था और संक्षिप्त बातचीत की थी. पिछले साल अगस्त में भी भारतीय प्रधानमंत्री और चीनी राष्ट्रपति ने ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन के दौरान जोहानिसबर्ग में एक संक्षिप्त और अनौपचारिक बातचीत की थी.


मोदी और शी के बीच बैठक कजान में होगी, जो ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का स्थल है. मैसेज तो यही है कि भारत और चीन के रिश्तों पर जमी बर्फ थोड़ी पिघली है. ज्यादा कुछ आज की मुलाकात पर निर्भर करेगा.


सोमवार को भारत और चीन के बीच गश्त पर हुए समझौते के बारे में पूछे जाने पर मिस्री ने कहा कि तत्काल ध्यान सैनिकों को पीछे हटाने पर होगा और फिर उचित समय पर तनाव कम करने और सैनिकों की वापसी के मुद्दे पर विचार किया जाएगा.