Maldives News: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने कहा कि भारत द्वारा अपनी सेना नहीं हटाने का मतलब मालदीव के लोगों की 'लोकतांत्रिक इच्छा' को नजरअंदाज करना होगा और इससे देश में लोकतंत्रत खतरे में पड़ जाएगा. टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में राष्ट्रपति मुइज्जू भारत-मालदीव रिश्तों पर अपने विचार रखे है.


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राष्ट्रपति मुइज्जू मालदीव में किसी भारतीय सेना की स्थायी मौजदूगी का तो विरोध करते हैं लेकिन वह भारत के साथ सहयोग का समर्थन भी करते हैं. उन्होंने विश्वास जताया कि सैन्य उपस्थिति का मुद्दा बातचीत के जरिए सुलझा लिया जाएगा.


'विदेशी सैन्य कर्मियों की मौजूदगी संविधान की मूल भावना के खिलाफ'
राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा कि मालदीव में संसदीय मंजूरी के बिना विदेशी सैन्य कर्मियों की मौजूदगी संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. चीन के प्रति उनके कथित झुकाव के बारे में पूछे जाने पर,  उन्होंने कहा कि वह केवल मालदीव समर्थक नीति का पालन करने जा रहे हैं. माना जा रहा है कि भारत की यात्रा से पहले उनके चीन जाने की उम्मीद है.


राष्ट्रपति मुइज्जू ने इंटरव्यू के दौरान भारत को मालदीव का निकटतम पड़ोसी और सबसे करीबी दोस्तों में से एक बताया. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार, वाणिज्य, निवेश और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में संबंध तीव्र गति से बढ़ रहे हैं.


राष्ट्रपति बनते ही मुइज्जू ने किया था भारत से अनुरोध
मुइज्जू ने 17 नवंबर को मालदीव के राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी. पीटीआई-भाषा के मुताबिक देश के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के 24 घंटे से भी कम समय के बाद मोहम्मद मुइज्जू ने को भारत सरकार से मालदीव से भारतीय सैनिकों को ‘वापस’ बुलाने का औपचारिक अनुरोध किया था.


मालदीव में क्या हैं भारतीय सैनिक तैनात
पीटीआई-भाषा के मुताबिक राष्ट्रपति कार्यालय में सार्वजनिक नीति मामलों के अवर सचिव मोहम्मद फिरोजुल अब्दुल खलील ने बताया कि नए प्रशासन के अनुसार मालदीव में 77 भारतीय सैन्यकर्मी हैं.


मालदीव के मीडिया ने फिरोजुल के हवाले से कहा कि पहले हेलीकॉप्टर का प्रबंधन करने के लिए 24 भारतीय सैन्यकर्मी हैं, डोर्नियर विमान का प्रबंधन करने के लिए 25 भारतीय हैं, दूसरे हेलीकॉप्टर का प्रबंधन करने के लिए 26 भारतीय हैं तथा रखरखाव एवं इंजीनियरिंग के लिए दो और सदस्य हैं.


(फोटो: presidency.gov.mv)