रूस ने गुरुवार को राष्ट्रपति जो बाइडेन और पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई प्रेसिडेंशियल डिबेट पर तंज कसा है. उसने कहा कि व्लादिमीर पुतिन ने इस बहस को देखने के लिए अलार्म नहीं लगाया था और न ही अपनी नींद के बीच में उठे थे.


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रॉयटर्स के अनुसार, पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, ‘देखिए, मुझे नहीं लगता कि आप ये उम्मीद करते हैं कि रूस के राष्ट्रपति अलार्म घड़ी लगाएंगे, सुबह होने से पहले उठेंगे और संयुक्त राज्य अमेरिका में होने वाली बहस देखेंगे?’


ध्यान देने के लिए और भी कई अहम चीजें
पुतिन ने नवंबर में होने वाले अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव को लेकर उदासीनता का रवैया अपना रहे हैं. उनके प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने भी इसी बात पर कायम रहते हुए कहा कि रूस के पास ध्यान देने के लिए और भी महत्वपूर्ण चीजें हैं.


पेस्कोव ने कहा, ‘हमारे पास बहुत सारे मुद्दे हैं जो हमारे देश के लिए वास्तव में महत्वपूर्ण और प्रासंगिक हैं. ये वे मुद्दे हैं जिनसे हमारे राष्ट्रपति निपट रहे हैं. संयुक्त राज्य अमेरिका में बहसें एजेंडे के मुख्य मुद्दों का हिस्सा नहीं हैं.’


रूस के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के मायने
हालांकि पुतिन  भले ही अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को कमतर आंके लेकिन इसके नतीजे रूस के लिए खासे मायने रखते हैं. चुनाव के नतीजे तय करेंगे कि वाशिंगटन मॉस्को के खिलाफ यूक्रेन का समर्थन करने और उसे उन्नत अमेरिकी हथियार मुहैया कराने के लिए कितना प्रतिबद्ध है.


फरवरी में एक इंटरव्यू में पुतिन ने कहा कि वह किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ काम करने को तैयार हैं, लेकिन उन्हें बाइडेन इसलिए पसंद हैं क्योंकि वह 'अधिक अनुभवी, पूर्वानुमानित व्यक्ति, पुराने स्कूल के राजनेता' हैं.


हालांकि कुछ टिप्पणीकारों ने पुतिन को शरारतपूर्ण माना. राष्ट्रपति रहते हुए पुतिन की आलोचना करने से ट्रंप बचते रहे थे.  हाल ही में में उनके बयानों के आधार उनके आलोचकों का मानना ​​है कि वे क्रेमलिन नेता के लिए ज्यादा बेहतर विकल्प रहेंगे. बता दें ट्रंप ने यह भी बयान दिया था कि वह रूस को नाटो के उन सदस्यों पर हमला करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे जो अपनी रक्षा पर पर्याप्त खर्च करने में विफल रहे हैं.


 


इस महीने की शुरुआत में पुतिन ने रॉयटर्स के एक सवाल के जवाब में कहा था कि रूस को इस बात की परवाह नहीं है कि अगला अमेरिकी राष्ट्रपति कौन होगा, क्योंकि इससे मॉस्को के लिए शायद कुछ भी नहीं बदलेगा. हालांकि उन्होंने कहा कि अमेरिकी अदालत प्रणाली का इस्तेमाल स्पष्ट रूप से ट्रंप के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई में किया जा रहा है.


पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव जैसे कुछ रूसी नेता ने 81 वर्षीय बिडेन की मानसिक क्षमता पर सवाल उठा चुके हैं.


Photo courtesy: Reuters