World News in Hindi: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को अपने ईरानी समकक्ष इब्राहिम रायसी के साथ बैठक में ईरान के साथ अपने देश के संबंधों की तारीफ की. दोनों नेताओं ने गाजा पट्टी में इजरायल-हमास युद्ध पर चर्चा की. यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के एक वरिष्ठ सहयोगी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि संयुक्त राज्य अमेरिका का मानना ​​है कि ईरान इजरायल और लाल सागर में जहाजों पर यमन के हूती ग्रुप द्वारा ड्रोन और मिसाइल हमलों की योजना और कार्यान्वयन में शामिल है.


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रॉयटर्स के मुताबिक व्हाइट हाउस के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने वाशिंगटन में एस्पेन सिक्योरिटी फोरम सम्मेलन में कहा, 'हूतियों के पास हथियार, खुफिया जानकारी नहीं है और ऐसा करने की प्रेरणा नहीं होती, अगर इसमें आईआरजीसी (इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स) की भूमिका नहीं होती.'


ईरान ने हमलों में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है.


पुतिन-रायसी में क्या हुई बातचीत?
टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन ने रायसी से ईरान के सुप्रीम लीडर का जिक्र करते हुए कहा, 'हमारे संबंध बहुत अच्छे से विकसित हो रहे हैं. कृपया नेता [अयातुल्ला अली] खामेनेई को मेरी शुभकामनाएं दें. उनके समर्थन की बदौलत, हमने पिछले साल अच्छी गति हासिल की है ' 


रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी देशों ने तेहरान पर बड़ी मात्रा में ड्रोन और अन्य हथियार मुहैया कराकर यूक्रेन में रूस के हमले का समर्थन करने का आरोप लगाया है.


बाचतीक के दौरान इजरायल-हमास युद्धा का जिक्र
बताचीत के दौरान पुतिन ने कहा कि मध्य पूर्व, खासकर फिलिस्तीनी क्षेत्रों की स्थिति पर चर्चा करना बहुत महत्वपूर्ण है. वहीं रायसी ने एक अनुवादक के माध्यम से जवाब दिया, 'फिलिस्तीन और गाजा में जो हो रहा है वह निश्चित रूप से नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध है.' उन्होंने कहा कि यह 'और भी दुखद' है कि इसे संयुक्त राज्य अमेरिका और पश्चिम का समर्थन प्राप्त है.


बता दें ईरान हमास का एक प्रमुख समर्थक रहा है. ईरान के विदेश मंत्रालय ने हमास द्वारा इजरायल पर 7 अक्टूबर को किए हमले को फिलिस्तीनियों द्वारा आत्मरक्षा का एक कदम बताया था. इस हमले में 1200 इजरायली मारे गए थे और 240 लोगों को बंधक बना लिया गया था. इसके बाद इजरायल ने हमास के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी थी.


ईरान-रूस संबंध
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर अपना हमला शुरू करने के बाद से, मॉस्को ने तेहरान के साथ अपने आर्थिक और राजनीतिक संबंधों को गहरा करने का प्रयास किया है. क्रेमलिन ने पिछले महीने कहा था कि रूस और ईरान 'सैन्य-तकनीकी सहयोग के क्षेत्र सहित' संबंध विकसित कर रहे हैं. दोनों देशों को पश्चिम द्वारा लगाई गई पाबंदियों का सामना करना पड़ा है.


Photo courtesy: @mfa_russia