Qatar Royal Family : कतर के शासक शेख तमीम बिन हमद अल थानी के चचेरे भाई शेख हमद बिन अब्दुल्ला अल थानी मशहूर आर्ट कलेक्‍टर हैं. उनके कलेक्‍शन में दुनिया की कई बेशकीमती और नायाब चीजें शामिल हैं. ऐसे ही एक नायाब हीरे "आइडल्स आई" को लेकर उनके ही एक करीबी रिश्‍तेदार से जंग छिड़ गई है. मामला करोड़ों की कीमत वाले इस बेशकीमती हीरे की खरीदी और उसके सही दाम को लेकर हो रहे विवाद का है.


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बेशकीमती हीरे पर लड़ाई का मामला


कतर के शेख तमीम बिन हमद अल थानी के चचेरे भाई शेख हमद बिन अब्दुल्ला अल थानी की कंपनी QIPCO के पास 'आइडल्‍स आई' नाम का हीरा है. इस हीरे की कीमत लाखों डॉलर में है. उन्‍हें यह हीरा शेख सऊद ने उधार दिया था, जो कि 1997 और 2005 के बीच कतर के संस्कृति मंत्री थे. साथ ही दुनिया के सबसे विपुल कला संग्राहकों में से एक थे. उन्होंने 2000 के दशक की शुरुआत में आइडल्स आई हीरा खरीदा था.


हीरे को उधार देते समय उन्‍होंने एक कॉन्‍ट्रेक्‍ट भी किया था कि यदि उनका परिवार चाहे तो शेख हमद बिन अब्दुल्ला अल थानी की कंपनी QIPCO यह हीरा खरीद सकती है. 2014 में शेख सऊद का निधन हो गया.


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हीरे की कीमत पर छिड़ी जंग


शेख सऊद की कंपनी एलेनस होल्डिंग्स ने यह हीरा QIPCO को दिया था. अब एलेनस होल्डिंग्‍स का स्‍वामित्‍व लिकटेंस्टीन स्थित अल थानी फाउंडेशन के पास है, जिसके लाभार्थी शेख सऊद की विधवा और तीन बच्चे हैं.


अब QIPCO यह हीरा 10 मिलियन डॉलर में लेना चाहती है और इस मसले पर QIPCO के वकीलों का कहना है कि अल थानी फाउंडेशन के वकील ने साल 2020 के पत्र में आइडल आई हीरे को 10 मिलियन डॉलर में बेचने का समझौता किया था. लेकिन एलेनस होल्डिंग्‍स का कहना है कि इस हीरे की कीमत कम आंकी जा रही है और इसकी सही कीमत 27 मिलियन डॉलर है.


उधर उस पत्र को लेकर एलेनस का तर्क है कि पत्र गलती से भेजा गया था. बस, इसी विवाद को लेकर अब मामला लंदन के हाईकोर्ट में पहुंच गया है. अब एलेनस वकील साद हुसैन ने अदालत में कहा है कि शेख सऊद के बेटे शेख हमद बिन सऊद अल थानी ही हीरे को सही कीमत लगाने की बात कह रहे हैं कि जबकि फाउंडेशन के अन्य लाभार्थियों से इस बारे में परामर्श नहीं किया गया था.