इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मंगलवार को हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक को फोन किया और कश्मीर मुद्दे को उठाने में इस्लामाबाद के प्रयासों पर उनसे चर्चा की. वहीं नई दिल्ली में सूत्रों ने इसे भारत के साथ संबंधों के प्रति पाकिस्तानी नेतृत्व का दोहरा दृष्टिकोण करार दिया. भारत के विदेश मंत्रालय से इस पर तुरंत प्रतिक्रिया नहीं मिली लेकिन कुरैशी की इस पहल से भारत नाराज है जिसने कहा कि कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है और किसी तीसरे पक्ष के लिए कोई स्थान नहीं है.


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पाकिस्तान के विदेश विभाग ने बताया कि कुरैशी ने मीरवाइज को टेलीफोन किया और कश्मीर मुद्दे को उठाने में पाकिस्तान सरकार के प्रयासों पर उनसे चर्चा की. विभाग ने बयान में बताया कि कुरैशी ने मानवाधिकारों पर उच्चायुक्त कार्यालय की तरफ से जून 2018 में जारी रिपोर्ट का भी जिक्र किया. उन्होंने ब्रिटेन की संसद की रिपोर्ट पर भी चर्चा की . 


हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक 

नई दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक के साथ पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की टेलीफोन पर बातचीत भारत के साथ संबंधों के प्रति पाकिस्तानी नेतृत्व के दोहरे दृष्टिकोण को दिखाता है. सूत्रों ने कहा कि भारत के लोग भारत में सांप्रदायिक द्वेष और आतंकी हिंसा फैलाने के नापाक मंसूबे को कामयाब नहीं होने देंगे. 


उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री का इस तरह का कदम रिश्तों को पीछे ले जाने जैसा है. यह उन धारणाओं के बिल्कुल विपरीत है, जैसा पाकिस्तानी नेतृत्व बनाने की कोशिश कर रहा है. एक सूत्र ने कहा, यह पाकिस्तानी नेतृत्व के दोहरे रवैये को दिखाता है.  


इनपुट भाषा से भी