World News in Hindi: किम जोंग उन और व्लादिमीर पुतिन के बीच हालिया बैठक के बाद उत्तर कोरिया और रूस के बीच ट्रेन यातायात नाटकीय रूप से बढ़ गया है, जो हथियारों के 'संभावित' हस्तांतरण का संकेत देता है. न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक वाशिंगटन स्थित विश्लेषकों बियॉन्ड पैरेलल की एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. 


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ग्रुप ने शुक्रवार को कहा, हाई-रिज़ॉल्यूशन सैटेलाइट इमेजरी से पता चलता है कि उत्तर कोरिया की सीमा पर तुमांगंग रेलवे फैसिलिटी पर कम से कम 70 मालवाहक कोच खड़े हैं. पूर्व-कोविड स्तरों की तुलना में भी यह संख्या 'अभूतपूर्व' बताई गई.  रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले पांच वर्षों में रेलीयार्ड में 20 से अधिक कोच नहीं देखे गए.


हड़बड़ी इस बात का संकेत
रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया है कि गतिविधि की हड़बड़ाहट 'संभवतः उत्तर कोरिया द्वारा रूस को हथियारों और युद्ध सामग्री की आपूर्ति का संकेत देती है.' हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि शिपिंग कंटेनरों को कवर करने वाले तिरपाल से उनकी सामग्री को 'निर्णायक रूप से पहचानना' असंभव हो गया.


यह विश्लेषण सीबीएस न्यूज द्वारा एक अनाम अमेरिकी अधिकारी के हवाले से कहा गया कि उत्तर कोरिया ने यूक्रेन में अपने युद्ध में उपयोग के लिए रूस को तोपखाने स्थानांतरित करना शुरू कर दिया है. इसके खुलासे एक दिन बाद ही यह रिपोर्ट सामने आई है.


पुतिन और किम की बैठक से क्यों बड़ी वेस्ट की टेंशन
गौरतलब है कि पिछले महीने पुतिन और किम के बीच रूस में हुई आमने-सामने की बैठक से संभावित हथियार सौदे की संभावना पर कीव के सहयोगियों के बीच व्यापक चिंता पैदा हो गई थी.


उत्तर कोरिया, पारंपरिक हथियारों का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने वाला देश है और माना जाता है कि उसके पास सोवियत काल की युद्ध सामग्री के बड़े भंडार हैं. उत्तर कोरिया पर अमेरिका ने पहले भी रूस के वैगनर ग्रुप को गोलों की आपूर्ति करने का आरोप लगाया था.


रूस ने इस साल गोले का उत्पादन बढ़ाकर अनुमानित 2.5 मिलियन कर दिया है, लेकिन विश्लेषकों ने सुझाव दिया है कि यह युद्ध के मैदान में उसकी ज़रूरतों से कम हो सकता है. यूक्रेनी आंकड़ों के मुताबिक मॉस्को की सेनाएं प्रतिदिन लगभग 60,000 राउंड फायरिंग कर रही हैं.


हालांकि रूस ने कहा कि किम की यात्रा के दौरान किसी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए गए. पुतिन ने कहा कि उन्होंने सैन्य सहयोग के लिए 'संभावनाएं' देखीं.


रूस और उत्तर कोरिया, दोनों वैश्विक प्रतिबंधों के दायरे में आते हैं - यूक्रेन पर आक्रमण के लिए मॉस्को के खिलाफ कई तरह के प्रतिबंध लगे हैं तो परमाणु हथियारों के परीक्षण के लिए प्योंगयांग पर भी तमाम पाबंदियां लगी हैं.


व्हाइट हाउस ने कहा है कि उत्तर कोरिया से रूस को कोई भी हथियार निर्यात 'सीधे तौर' पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई प्रस्तावों का उल्लंघन होगा, जिसमें वे प्रस्ताव भी शामिल हैं जिन्हें रूस ने खुद अपनाने के लिए मतदान किया था.