Russia Ukraine Conflict: रूस के अंदर और रूस के बाहर हर तरफ विरोध झेल रहे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन मामले में पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. यही वजह है कि उन्होंने यूक्रेन में कब्जाए इलाकों को रूस में मिलाने के लिए जनमत संग्रह कराया. उस जनमत संग्रह का मंगलवार को आखिरी दिन था. इससे तय होगा कि क्या कब्जे वाले क्षेत्र के लोग रूस का हिस्सा बनना चाहते हैं या फिर यूक्रेन के साथ ही रहना चाहते हैं. बताया जा रहा है कि व्लादिमीर पुतिन 30 सितंबर को जनमत संग्रह के परिणाम की घोषणा कर सकते हैं. जिन इलाकों के लिए वोटिंग हुई है, उनमें लुहांस्क, आंशिक रूप से रूस के कब्जे में आए जापोरिज्जिया और दोनेत्स्क क्षेत्र शामिल हैं. लगभग 40 लाख लोगों को मतदान में भाग लेने को कहा गया है.


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और खतरनाक मोड़ पर चला जाएगा युद्ध


रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शुक्रवार को रूस की संसद के संयुक्त सत्र में जनमत संग्रह के परिणाम बताते हुए इन क्षेत्रों के रूस में विलय की घोषणा कर सकते हैं. ये इलाके इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये यूक्रेन का करीब 15 पर्सेंट एरिया हैं. चर्चा ये भी है कि इससे युद्ध और खतरनाक मोड़ पर पहुंच जाएगा.


डरा-धमकाकर वोटिंग कराने का आरोप


इस बीच जिन इलाकों में जनम संग्रह हुआ है, वहां के लोगों ने बताया कि वोटिंग बंदूक की नोक पर हो रही है. रूसी सैनिक हथियारों के साथ आते हैं. हमें समझ नही आता कि ये हमारी रक्षा के लिए हैं या डराने के लिए. जो लोग रूस के खिलाफ वोट कर रहे हैं उन्हें चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है. जिन इलाकों में जनमत संग्रह कराया गया है, वहां रहने वाले लोग काफी डरे हुए हैं. डर उन लोगों को खूब सता रहा है जिन्होंने यूक्रेन के सपोर्ट में वोट किया है. उन्हें समझ नहीं आ रहा कि अब उनके साथ क्या सलूक किया जाएगा. 


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