Russia Ukraine Conflict: रूस यूक्रेन के बीच न तो युद्ध समाप्त होता दिख रहा है. रूस ने अधिकतर पावर ग्रिड को ठप कर पहले ही यूक्रेन को अंधेरे में धकेल दिया है. बिना बिजली माइनस टेंपरेचर में लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है. वहीं, अब खबर आ रही है कि रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन मॉस्‍को सहित प्रमुख शहरों में मार्शल लॉ लगाने जा रहे हैं. इसके अलावा यह भी चर्चा है कि पुतिन करीब 20 लाख लोगों को सेना में भर्ती करेंगे. इसमें करीब 3 लाख महिलाओं की भर्ती का प्लान है. हालांकि पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने इस योजना की पुष्टि नहीं की है, लेकिन पुतिन ने सेना में भर्ती को जारी किए गए पहले डिक्री को खत्म करने के साइन नहीं किए है, ऐसे में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं.


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लामबंदी के बाद मार्शल लॉ


रूस के जनरल एसवीआर टेलीग्राम चैनल का दावा है कि पुतिन करीब 20 लाख लोगों की सेना में भर्ती करने जा रहे हैं, इसमें 3 लाख महिलाएं होंगी. मॉस्को के प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस के पूर्व प्रोफेसर, पुतिन-वॉचर वेलेरी सोलोवी का कहना है कि 20 लाख सैनिकों की भर्ती के अलावा देश में मार्शल लॉ भी लगाया जा सकता है. मार्शल लॉ को या तो पूरे रूस में या रूस की राजधानियों- मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग तक ही रखा जा सकता है.


क्या होता है मार्शल लॉ  


मार्शल लॉ का मतलब है कि जहां भी यह लागू है वहां की शासन व्यवस्था सीधे सेना के हाथों में आ जाती है. इसे सैनिक कानून या फिर आर्मी एक्ट के नाम से भी जाना जाता है. अगर कहीं पर मार्शल लॉ लागू है तो वहां उस देश या क्षेत्र से नागरिक कानून समाप्त हो जाते हैं. यह कानून लागू होते ही सेना के पास कई तरह के अधिकार मिल हैं. उन्हें कोई भी फैसला लेने से पहले सरकार की अनुमति की जरूरत नहीं होती है. मार्शल लॉ के खिलाफ बोलने वालों की तुरंत गिरफ्तारी का अधिकार भी सेना के पास होता है. मार्शल लॉ के दौरान सेना ही अदालत का भी काम करती है.


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