खटाखट...खटाखट पर जयशंकर ने राहुल को घेरा, सात समंदर पार कसा तंज; जानिए क्या कहा?
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सात समंदर पार से ‘खटा खट’-खटा खट’ को लेकर एलओपी राहुल गांधी पर कटाक्ष किया है. जिनेवा में विदेश मंत्री जयशंकर ने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा, `व्यक्ति को कड़ी मेहनत करने की जरूरत होती और जीवन ‘खटाखट’ नहीं है.
S Jaishankar Vs Rahul Gandhi: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सात समंदर पार से ‘खटा खट’-खटा खट’ को लेकर एलओपी राहुल गांधी पर कटाक्ष किया है. जिनेवा में विदेश मंत्री जयशंकर ने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'व्यक्ति को कड़ी मेहनत करने की जरूरत होती और जीवन ‘खटाखट’ नहीं है. जिनेवा में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए जयशंकर बदलते भारत और नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा पिछले 10 वर्षों में किए गए बुनियादी ढांचे के विकास के बारे में बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस नेता की टिप्पणी का परोक्ष संदर्भ दिया.
जीवन ‘खटाखट’ नहीं है
जयशंकर ने बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए आवश्यक विशाल मानव संसाधनों के बारे में बात करते हुए कहा, ‘जब तक हम मानव संसाधन विकसित नहीं कर लेते, तब तक कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है. जब तक आप बुनियादी ढांचे का निर्माण नहीं कर लेते, जब तक आपके पास नीतियां नहीं होतीं. इसलिए जीवन ‘खटाखट’ नहीं है. जीवन में कड़ी मेहनत की जरूरत होती है. जीवन कर्मठता है.’
उन्होंने ये भी कहा, ‘जिस किसी ने भी नौकरी की है और कड़ी मेहनत से काम किया है, वह यह जानता है. इसलिए मेरा आपके लिए यही संदेश है कि हमें इस पर कड़ी मेहनत करनी होगी.’
गौरतलब है कि इस साल लोकसभा चुनाव में अपने प्रचार अभियान की एक सभा में वादा किया था कि अगर उनकी पार्टी जीतती है तो वह देश के हर गरीब परिवार की एक महिला के खाते में एक लाख रुपए हस्तांतरित करेगी. उन्होंने कहा था कि ये रुपये ‘खटाखट’ यानी तुरंत हस्तांतरित होंगे.
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ समेत बीजेपी के सैकड़ों नेता और करोड़ों कार्यकर्ता राहुल गांधी के खटाखट खटाखट वाला चुनावी दांव फेल होने के बाद अभी तक राहुल गांधी समेत सभी कांग्रेसी नेताओं पर तंज कसते हैं. हाल ही में योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस का नाम लिये बिना कहा था कि आपने अप्रैल-मई के महीने में 'खटाखट स्कीम' के बारे में सुना होगा, लेकिन अब लोगों का कोई अता पता नही हैं. योगी ने कहा कि लोगों से एक-एक लाख रुपये के बॉन्ड भरवाए गए थे. हर महीने 8500 रुपये भेजने का वायदा किया गया था, लेकिन खटाखट स्कीम वालों का देश में अता-पता नहीं है.
(इनपुट: एजेंसी इनपुट के साथ)