Watch: एससीओ में दिखी भारत की `चमक`, समापन कार्यक्रम में उजबेकिस्तानी बैंड ने इस हिंदी गाने से जीता सबका दिल
SCO in Tashkent: शंघाई सहयोग संगठन के दो दिवसीय विदेश मंत्री सम्मेलन के समापन के दौरान उबजेकिस्तान के बैंड ने अपनी परफॉर्मेंस दी. इस दौरान कलाकारों ने 1992 की प्रसिद्ध बॉलीवुड फिल्म `संगम` का टाइटल ट्रैक `बोल राधा बोल` गाकर सबका दिल जीत लिया. विदेश मंत्री ने यह वीडियो शेयर किया है.
India Impact in SCO: रूस, उजबेकिस्तान और उसके आसपास के देशों से भारत के रिश्ते काफी पुराने समय से अच्छे रहे हैं. उन देशों में समय-समय पर भारतीय संस्कृति की झलक भी दिखती रहती है. वहां भारतीय फिल्में और गाने भी पसंद किए जाते हैं. इन देशों में भारत की कितनी छाप है इसकी बानगी ताशकंद में शंघाई सहयोग संगठन के दो दिवसीय विदेश मंत्री सम्मेलन के समापन के दौरान नजर आई. दरअसल, कार्य़क्रम के अंत में उजबेकिस्तान के एक ग्रुप ने मशहूर बॉलीवुड गीत गाकर सभी का दिल जीत लिया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस परफॉर्मेंस का वीडियो ट्विटर पर शेयर किया है.
कार्यक्रम के अंत में भारत की छाप
एस. जयशंकर ने ट्विटर पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "एससीओ ताशकंद से एक और रिमाइंडर कि आखिर मध्य एशिया हमारा विस्तारित पड़ोस क्यों है." 45 सेकेंड के इस वीडियो में उजबेकिस्तान का एक बैंड 1992 की प्रसिद्ध बॉलीवुड फिल्म 'संगम' का टाइटल ट्रैक 'बोल राधा बोल' गाते हुए दिख रहा है. कलाकार पूरा गाना जिस अंदाज में गाते हैं वो हर किसी का दिल जीत लेता है. वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है.
जयशंकर ने उठाया आतंकवाद का मुद्दा
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का दो दिवसीय सम्मेलन शनिवार को संपन्न हुआ. इसमें भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस. जयशंकर शामिल हुए थे. बैठक में उन्होंने कहा कि, "उज़्बेक, ताजिक, किर्गिज़ और कज़ाख समकक्षों के साथ इस द्विपक्षीय बैठकों ने भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है," जयशंकर ने यहां चीन, पाकिस्तान और रूस के अपने समकक्षों के सामने कहा कि, हर देश को किसी भी तरह के आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त न करने की नीति पर चलना चाहिए.
आखिर क्या है SCO
शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) की स्थापना 2001 में शंघाई में रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के राष्ट्रपतियों द्वारा एक शिखर सम्मेलन में की गई थी. 2005 में भारत एससीओ में एक पर्यवेक्षक बन गया और समूह की मंत्री स्तरीय बैठकों में भाग लेने लगा, जो मुख्य रूप से यूरेशियन क्षेत्र में सुरक्षा और आर्थिक सहयोग पर केंद्रित होती है.
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