Sri Lanka India Relations: श्रीलंका के दो करोड़ लोगों को भारत ने दिलाया सबसे बड़ा भरोसा, कोलंबों में हुआ ये ऐलान; झूम उठे लोग
Sri Lanka India Ties: आपको बताते चलें कि श्रीलंका में पिछले साल जबरदस्त त्राहिमाम मचा था. देश में राशन की भारी किल्लत थी. लोगों के पास खाने के लिए रोटी नहीं थी. महंगाई आसमान छू रही थी. अपने राजनेताओं की नाकामी से भड़की जनता राष्ट्रपति भवन में दाखिल हो गई थी. तब भारत ने श्रीलंका की हर तरह से मदद की थी.
India will continue to support Sri Lanka: भारत ने अपने समुद्री पड़ोसी देश श्रीलंका के लिए एक बार फिर बड़े भाई जैसा दिल दिखाते हुए उसकी मदद करने का ऐलान किया है. दरअसल भारत ने इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट से उबरने की श्रीलंका की कोशिशों का समर्थन करने में ‘रचनात्मक भूमिका’ निभाने की अपनी इच्छा दोहराते हुए हर संभव सहयोग का ऐलान किया है. कोलंबो में निर्माण, बिजली एवं ऊर्जा एक्सपो 2023 के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए भारत के उप उच्चायुक्त विनोद के जैकब ने कहा है कि भारत (India) और श्रीलंका के बीच हाल में गहरे हुए परस्पर संबंधों (India Sri Lanka Relations) ने दोनों देशों के बीच दोस्ती और सर्वांगीण सहयोग को मजबूत किया है.
श्रीलंका के दो करोड़ लोगों की उम्मीद बना भारत
भारतीय अधिकारी ने यह भी कहा, ‘हम इस साल जनवरी में आईएमएफ (IMF) की ऋण प्रक्रिया शुरू करने के लिए श्रीलंका को आवश्यक वित्त पोषण के संबंध में आश्वासन देने वाले पहले देश थे. जापान और पेरिस क्लब के साथ ऋणदाता समिति के सह-अध्यक्ष के रूप में भारत रचनात्मक भूमिका निभाना जारी रखेगा.’
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को सबसे पहले भेजा समर्थन पत्र
भारत इस साल जनवरी में श्रीलंका के वित्त पोषण और ऋण पुनर्गठन के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को अपना समर्थन पत्र सौंपने वाला पहला देश था. जैकब ने कहा कि भारत की ओर से श्रीलंका को दी गई चार अरब अमेरिकी डॉलर की वित्तीय एवं मानवीय सहायता आईएमएफ (IMF) की कुल प्रत्याशित विस्तारित निधि सुविधा से कहीं अधिक है.
विदेशी मुद्रा की भारी कमी के कारण श्रीलंका 2022 में वित्तीय संकट की चपेट में आ गया था, जिससे 1948 में ब्रिटिश हुकूमत से आजादी के बाद से इस द्वीपीय देश में सबसे बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो गया था.
भारत लंबे समय से कर रहा है श्रीलंका की मदद
आपको बताते चलें कि श्रीलंका में पिछले साल जबरदस्त त्राहिमाम मचा था. लोगों के पास खाने के लिए रोटी नहीं थी. देश में राशन की भारी किल्लत थी. महंगाई आसमान छू रही थी. अपने राजनेताओं की नाकामी से भड़की जनता राष्ट्रपति भवन में दाखिल हो गई थी. उस समय श्रीलंका की सेना की मदद से लोगों को सिलेंडर मुहैया कराया जा रहा था. पेट्रोल पंप पर कई किलोमीटर की लंबी कतारें लगी थीं. ऐसे मुश्किल वक्त में भारत ने न सिर्फ श्रीलंका की सहूलियत का ध्यान रखते हुए उसे आर्थिक मदद पहुंचाई, वहीं आम जनता की मदद के लिए राशन, दवाई और अंडों की खेप भी कोलंबो भेजी थी.
(एजेंसी इनपुट)